बुदनी एसडीएम का बुजुर्ग से बदसलूकी का वीडियाे वायरल

पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने अधिकारियों को संवदेनशील होने के लिए कड़ी कार्यवाही करते हुए नसीहत दी थी तब लम्बे समय तक अधिकारियों ने भी उसका ध्यान रखा। अब फिर से कुर्सी सर चड़कर बोलने लग गई है। एक वीडियाे बुदनी के एसडीएम का आया है। जिसमें वे एक वरिष्ठ नागरिक को धमका रहे हैं।

विशेष प्रतिनिधि, भोपाल।

पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने अधिकारियों को संवदेनशील होने के लिए कड़ी कार्यवाही करते हुए नसीहत दी थी तब लम्बे समय तक अधिकारियों ने भी उसका ध्यान रखा। अब फिर से कुर्सी सर चड़कर बोलने लग गई है। एक वीडियाे बुदनी के एसडीएम का आया है। जिसमें वे एक वरिष्ठ नागरिक को धमका रहे हैं। कारण केवल इतना सा था कि ये वरिष्ठ नागरिक समस्या लेकर गई भीड़ में से आगे निकल कर एसडीएम साहब के पीछे खड़े हो गये। इस पर एसडीएम ने कहा कि आप समस्या का ज्ञापन देने आये हैं या गुंडागर्दी करने आये हैं? लोगों ने उनसे कहा कि ये वरिष्ठ नागरिक हैं इनके साथ ऐसा व्यवहार मत करिये? तब तो एसडीएम का पारा और चढ़ गया। कह दिया कि वरिष्ठ आपके होंगे मेरे नहीं है। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। वीडियो सामने आते ही अब यह मांग उठने लग गई है कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव इस मामले में तत्काल कोई कार्यवाही करें। यह भी बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति के बारे में यह सब घटनाक्रम हुआ है वे संघ से जुड़े हुए हैं।

यहा यह भी जानना होगा कि आखिरकार यह भीड़ एसडीएम के पास गई क्यों थी? पिछले दिनों बैरसिया में हिन्दू छात्राओं कके साथ कुछ मुस्लिम मनचलों ने दबाव बनाना शुरू किया था। छेड़छाड़ और अन्य हरकतें की जा रही थी। ठीक इसी प्रकार से बुदनी में भी मुस्लिम समुदाय के युवकों ने हिन्दू लड़कियों के साथ छेड़खानी की थी। उसी का ज्ञापन देने के िलए सभी लोग एसडीएम साहब के कार्यालय गये थे।

एसडीएम के इस व्यवहार की वहां के लोगों के द्वारा निंदा की जा रही है। वहां लोग यह मांग कर रहे हैं कि इस प्रकार का असंवेदनशील अधिकारी जिसका बुजुर्गाें के प्रति सम्मान का कोई व्यवहार नहीं है उससे छेड़छाड़ वाले मामले में सही से जांच कराकर कार्यवाही करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है? इसलिए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से इस मामले में प्रभावशाली कार्यवाही की मांग की जा रही है।

वरिष्ठ आपके होंगे मेरे नहीं इतना तक कह गये

बैरसिया की भांति बुदनी में भी समुदाय विशेष के व्यक्ति द्वारा लड़की छेड़ने का आक्रोश लेकर एसडीएम के पास हिन्दू समाज की भीड़ गई थी। उसमें संघ समर्थक एक व्यक्ति एसडीएम के पीछे खड़ा हो गया। उसके साथ बदसलूकी करते हुए एसडीएम ने सीाी मर्यादाओं को लांघ दिया। जब लोगों ने उसे वरिष्ठ नागरिक बताते हुए समस्या सुनने का आग्रह किया तब एसडीएम ने पलट कर यही कहा कि वरिष्ठ आपके होंगे मेरे नहीं? मतलब एसडीएम पर कुर्सी इतना सवार हो गई कि उन्हें संवेदनाओं का कोई ध्यान ही नहीं रहा और बुजुर्ग की प्रतिष्ठा तक नहीं दिखी।

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