प्रदेश में अगले महीने तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटेगा, लेकिन चुनावी साल में कम होंगे Transfers

भोपाल

मध्यप्रदेश में अगले महीने तबादलों पर लगा प्रतिबंध हट सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अगली कैबिनेट बैठक में ट्रांसफर पॉलिसी पर मंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे। बताया जा रहा है कि चुनावी साल होने के कारण अन्य वर्षों के मुकाबले कम ट्रांसफर होंगे। तबादलों में प्रभारी मंत्रियों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। कलेक्टर प्रभारी मंत्री की सिफारिश पर ट्रांसफर कर सकेंगे। हालांकि कुछ विशेष ट्रांसफर में मुख्यमंत्री और मंत्रियों का अनुमोदन आवश्यक होगा।

इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं इसके चलते इस बार जारी होने वाली तबादला पॉलिसी में कम संख्या में ट्रांसफर का प्रावधान रखा जाएगा। जिलों में होने वाले तबादलों के लिए प्रभारी मंत्रियों को ज्यादा पावरफुल किया जाएगा। प्रदेश में मई माह में तबादलों से प्रतिबंध हटाया जा सकता है। इसके लिए अगली कैबिनेट बैठक में नई ट्रांसफर पॉलिसी पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दिए जाने की संभावना है। राज्य सरकार ने पिछले साल 2022 में  17 सितंबर से 5 अक्टूबर के बीच तबादलों से प्रतिबंध हटाया था।

इस बार चुनावी साल में सरकार ज्यादा तबादले करने के मूड में नहीं है। केवल जरूरत के मुताबिक, तीन साल से एक ही स्थन पर जमे अफसरों और प्रशासनिक आधार पर तबादले किए जाएंगे।

जिला संवर्ग के कर्मचारियों का और राज्य संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का जिले के भीतर तबादला जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद हो सकेगा। स्थानांतरण आदेश विभागीय जिला अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी होंगे। गृह विभाग में उप पुलिस अधीक्षक से नीचे के पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड द्वारा जिले में पदस्थापना का निर्णय लिया जाएगा। जिले के भीतर पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रभारी मंत्री के परामर्श के बाद पदस्थापना की जाएगी।

दो हजार से अधिक पद, संवर्ग संख्या तो केवल पांच फीसदी तबादले
सभी विभागों में जहां पद और संवर्ग में दो हजार से अधिक कर्मचारी है वहां पांच प्रतिशत तक तबादले हो सकेंगेञ  दो सौ एक से लेकर 2000 तक संख्या पर दस प्रतिशत तक तबादले हो सकेंगे। इसमें भी केवल बेहद जरूरी तबादले ही किए जाएंगे।

इनमें… CM और मंत्रियों का अनुमोदन जरूरी
 सभी विभागों में राज्य संवर्ग के अंतर्गत विभागाध्यक्ष तथा शासकीय उपक्रम और संस्थाओं में पदस्थ प्रथम  श्रेणी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश समन्वय में सीएम के अनुमोदन के बाद प्रशासकीय विभाग जारी करेंगे। राज्य संवर्ग के शेष सभी प्रथम श्रेणी के, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणियों के अध्ािकारियों व कर्मचारियों के तबादले इसमें जिलों के भीतर किए जाने वाले तबादलों को छोड़कर आदेश विभागीय भारसाधक मंत्री के अनुमोदन के बाद प्रशासकीय विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव द्वारा जारी किए जाएंगे।

इसी तरह जिलों के भीतर के तबादलों को छोड़कर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के राज्य संवर्ग के तबादले विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद विभागाध्यक्ष द्वारा जारी किए जाएंगे। उप पुलिस अधीक्षक और उससे वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड के दिशा निर्देशों के अनुरूप विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद समन्वय में सीएम के अनुमोदन के बाद किए जाएंगे।

रिटायरमेंट में 6 माह के समय वाले कर्मचारियों का नहीं होगा ट्रांसफर, दिव्यांग-बीमारों को प्राथमिकता
तबादलों में स्वयं की बीमारी अथवा स्वयं की शारीरिक, मानसिक दिव्यांगता के कारण प्रस्तुत आवेदन के आधार पर तबादलों में प्राथमिकता दी जाएगी। 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले कर्मचारियों के तबादले नहीं किए जाएंगे केवल उनके आवेदन आने पर ही तबादले होंगे। जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति में छह माह का समय बाकी है उनके तबादले नहीं किए जाएंगे। कोर्ट के आदेश पर, गंभीर अनियमितता, लापरवाही, लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू में आपराधिक केस दर्ज होने पर जांच प्रभावित न होने पर तबादले किए जा सकेंगे। पति-पत्नी को एक स्थान पर रखने, परिवार में बच्चे, माता-पिता के मानसिक नि:शक्त होने, स्वलीन और बहुआयामी नि:शक्तता से पीड़ित होने पर उन्हें उपचार और शिक्षा की सुविधा वाले स्थानों पर  पदस्थ किया जा सकेगा।

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