कमलनाथ के भाजपा में जाने में सिख दंगे बाधा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी के भाजपा में शामिल हो गये। उनके शामिल होने के बाद यह चर्चा चल निकली कि आखिर कमलनाथ का भाजपा में जाने का सच क्या है? भाजपा के अंदरखाने को जानने के बाद पता चला है

सुरेश शर्मा, भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी के भाजपा में शामिल हो गये। उनके शामिल होने के बाद यह चर्चा चल निकली कि आखिर कमलनाथ का भाजपा में जाने का सच क्या है? भाजपा के अंदरखाने को जानने के बाद पता चला है कि सिख दंगों में संलिप्तता के आरोपों ने उनका भाजपा में जाने का रास्ता रोका है। भाजपा मानती है कि इसका उन्हें पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इसलिए बात रूक गई।
सूत्राें का कहना है कि यह सच है कि कमलनाथ भाजपा में जाने वाले थे। उनके लिए देश के जाने-माने उद्योगपति ने पैरवी की थी। केन्द्रीय नेतृत्व इसके लिए तैयार भी हो गया था। जब आपस में चर्चा शुरू हुई तब इस बात पर आकर बात अटक गई कि हमने कमलनाथ को सिख दंगों का आरोपी बताया है। पिछले दिनों उनके काम करने वाले कई नेता प्रदेश भाजपा में इसी आरोप के चलते भाजपा में आये हैं। ऐसे में इस आरोप का तोड़ क्या निकाला जाये? इसका तोड़ न तो कमलनाथ बता पाये और न ही भाजपा के नेताओं को ही पता चला। इसिलए बात रूक गई।
अब सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ को तो भाजपा में शामिल नहीं किया जा रहा है अपितु उनके बेटे पर विचार किया जा सकता है। भाजपा और कमलनाथ की नजदीकी का आधार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट है। भाजपा इसे जीतना चाहती है और कमलनाथ उसे बचाये रखना चाहते हैं। जब जीता नहीं जा सके तो साथ मिला लेने का फार्मूला अपनाया जा रहा है।
भाजपा ने पांच लोकसभा प्रत्याशी घोषित नहीं किये हैं। इसमें छिंदवाड़ा भी शािमल है। अभी यहां से तीन नामों पर चर्चा चल रही है। पुराने प्रत्याशी नत्थन शाह, मोनिका भट्टी और बंटी साहू। यदि समझौता हो जाता है तब नकुलनाथ को भाजपा टिकिट दे सकती है। यह टिकिट की बात भी तब उठी जब भाजपा महामंत्री व विधायक भगवान दास सबनानी ने मीडिया को कह दिया कि छिंदवाड़ा से खुशखबरी आने की प्रतीक्षा करना चाहिए। इसी बात पर मुहुर मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने भी लगा दी कि देखिए आगे आगे होता है क्या?