जीएमसी एचओडी पर लगे टार्चर करने के गंभीर आरोप, जूडा चार दिन से हड़ताल पर… प्रशासन देख रहा तमाशा
रविवार को एचओडी की प्रताडऩा के आरोप में डॉक्टर ने किया था सुसाइड, कल एक और डॉक्टर ने की जान देने की कोशिश
खास बातें
– आज सुबह 9 बजे से हमीदिया में मरीजों का मेला, 50 ऑपरेशन टले
– कल 40 ऑपरेशन टले, 500 मरीजों को लौटाया
– अस्पताल के लघु वेतन कर्मचारियों ने भी दिया जूनियर डॉक्टरों को समर्थन
– जूडा ने पुलिस को लिखित में बताई एचओडी के टार्चर के किस्से
– आरोपी एचओडी डॉ. अरुणा कुमार को अभी सिर्फ एचओडी पद से हटाया
– जूडा की मांग जीएमसी से एचओडी को बाहर करें
भोपाल। जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती के सुसाइड मामले में गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में आज भी लगातार चौथे दिन भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल रही। कल एक और डॉक्टर ने सुसाइड की कोशिश की, जिसका इलाज चल रहा है। उसने भी जीएमसी के जहरीले कल्चर का जिक्र किया है।
जीएमसी में गायनिक विभाग की एचओडी के पद से डॉ. अरुणा कुमार को हटा दिया गया है लेकिन जूडा की मांग है कि डॉ. अरुणा कुमार को कॉलेज से दूर कर दिया जाए। यदि वे विभाग में रहेंगी तो बच्चों के भविष्य को खतरा हो सकता है। जिससे फिर कोई गलत कदम उठाने को मजबूर हो सकता है। इन सब मांगों को लेकर जूडा में गुरुवार को कैंपस में मौन पैदल मार्च निकाला। साथ ही एडमिन ब्लॉक के सामने दिनभर प्रदर्शन किया। जुड़ा अध्यक्ष संकेत सिटे का कहना है कि मरीज को हो रही परेशानी का हमें खेद है लेकिन हड़ताल करना भी हमारी मजबूरी है। जूडा के प्रवक्ता डॉ. कुलदीप गुप्ता का कहना है कि डॉक्टर अरुणा कुमार मैडम दूर रहें, कल भी हमें धमकाया गया। हम नहीं चाहते कि हड़ताल आगे बढ़े या रोगियों का नुकसान हो।
तीन दिन में 150 ऑपरेशन टले
इधर, जूडा की हड़ताल से हमीदिया अस्पताल की ओपीडी में जहां मरीजों का मेला सा लगा रहा, वहीं दूर-दूर तक एक भी डॉक्टर नजर नहीं आया। बताया जा रहा है कि आज दोपहर के बाद सीनियर डॉक्टर भी जूडा का समर्थन कर देंगे। अस्पताल के जितने भी लघु वेतन कर्मचारी हैं, उन्होंने भी बाकायदा पत्र सौंपकर हड़ताल को समर्थन दे दिया। आज भी करीब 50 ऑपरेशन टले, नहीं किडनी ट्रांस्पलाट तक ताला गायाजूनियर डॉक्टर (जूडा) की हड़ताल जारी रहने से तीन दिन में हमीदिया में लगभग 150 ऑपरेशन नहीं हो पाए। शुक्रवार को भी 50 ऑपरेशन टालने पड़े हैं। हमीदिया के डॉक्टरों से मिली जानकारी के अनुसार हड़ताल के कारण एक किडनी ट्रांस्पलांट भी टालना पड़ा है। इसके लिए पूरी तैयारी हो गई थी। मगर इस पूरे मामले के चलते अस्पताल में होने जा रहे पांचवे ट्रांसप्लांट को टाला गया है।
सीनियर रेसिडेंट डॉक्टरों के 7 लघु वेतन कर्मचारी का समर्थन
जूडा को मेडिकल टीचर एसोशिएशन (एमटीए) के समर्थन के बाद हड़ताल के तीसरे दिन सीनियर रेसिडेंट डॉक्टरों ने भी समर्थन दिया है। जानकारी है कि आज भोजन अवकाश के बाद वे हड़ताल में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में लगभग 250 जूडा के बाद करीब 100 सीनियर रेसिडेंट डॉक्टरों का काम बंद करना मरीजों के लिए घातक साबित हो सकता है। गुरुवार को ही मरीजों की जांच से लेकर पेपर वर्क में कई समस्याएं आई। मरीजों को ना समय से दवाएं मिली और ना ही उनके बार-बार जरूरी फॉलोअप के लिए कोई डॉक्टर मौजूद था। हाल यह रहे कि करीब 20 मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया गया। इधर मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र शर्मा के निर्देश पर हमीदिया अस्पताल की स्वास्थ्य विभाग की समिति ने जूडा को लिखित में समर्थन दिया।
प्रशासन वैकल्पिक इंतजाम की कर रहा बात
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि हमीदिया अस्पताल में जूडा की हड़ताल के चलते मरीजों के इलाज के लिए वैकल्पिक इंतजाम कराएंगे। सभी सीएमएचओ को निर्देश दिए हैं कि वो जिले से मरीजों को जबरन रैफर न करें। लेकिन एक डॉक्टर की मौत और गंभीर आरोपों के बाद भी एचओडी को जीएमसी से हटाने में प्रशासन हिचक रहा है
जूडा ने पत्र में पुलिस को बताया था… एचओडी कैसे करती थीं टॉर्चर
सुसाइड करने वाली डॉ. बाला सरस्वती सहपाठी अन्य डॉक्टर्स ने पुलिस को बॉक्स सौंपा था, जिसमें डिपार्टमेंट में होने वाली प्रताडऩा का जिक्र है। इन पत्रों में किसी ने लिखा कि वांट मेजर चेंज गायनिक डिपार्टमेंट (गायनिक डिपार्टमेंट में बड़ा बदलाव चाहिए) सीनियर डॉक्टरों की प्रताडऩाओं से थक चुके हैं। इस टॉक्सिक कल्चर (जहरीले माहौल) में सर्वाइव करना मुश्किल है। इसकी वजह डिपार्टमेंट की पांच जिम्मेदार महिला डॉक्टर हैं। एक लेटर में लिखा है कि मेंटर हैरेसमेंट से थक चुके हैं। विभाग की जिम्मेदार डॉक्टर्स के जहरीले बोल दिल पर लगते हैं। अन्य पत्र में लिखा है कि हमें बेइज्जत किया जाता है। लेबर रूम में डॉक्टर्स गाली देने से लेकर पीटते तक हैं। हम अच्छे परिवार से हैं। पढऩे आए हैं। प्रताडऩा सहने नहीं, लेकिन कुछ कर नहीं सकते।.हमारा रिजल्ट इन्हीं के हाथ में जो है। एक डॉक्टर ने लिखा कि मुझे पहले ही दिन लेबर रूम में पीटा गया। डिप्रेशन में चली गई थी, पर देखा कि इन लोगों को किसी के तनाव से मतलब नहीं है। सिखाने के नाम पर पीटना ठीक बात नहीं। कई बार मुझे इक्विपमेंट्स तक से पीटा गया है। अपशब्द कहे जाते हैं।
केरल के सांसद ने केंद्रीय गृहमंत्री से की हस्तक्षेप की मांग
गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल (जीएमसी) के ऑब्स एवं गायनी विभाग की पीजी स्टूडेंट डॉ बाला सरस्वती की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में जीएमसी के जूनियर डॉक्टर कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं तो वहीं देशभर के जेडीए और आरडीए सहित तमाम मेडिकल स्टूडेंट्स और डॉक्टर्स यूनियन का समर्थन इस हड़ताल को मिल रहा है। अब इस मामले की शिकायत केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया से की गई है। केरल के चालाकुडी से कांग्रेस सांसद बेनी बहानन ने पत्र लिखकर जीएमसी भोपाल में डॉ बाला सरस्वती की आत्महत्या के मामले में ऑब्स गायनी विभाग की एचओडी डॉ अरुणा कुमार पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। सांसद ने पत्र में कहा है कि संबंधित विभाग और स्त्री रोग विशेषज्ञ की एचओडी डॉ. अरुणा कुमार से विस्तृत पूछताछ की जाए। घटना के लिए जो भी जिम्मेदार हैं जब तक उनके खिलाफ जांच चल रही है उन्हें तब तक निलंबित किया जाए। स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। और जीएमसी कॉलेज विभागों में दुरुपयोग और विषाक्तता की जांच की जाए। छात्रों के साथ व्यवहार करने के उनके रिकॉर्ड और ऐसे विषाक्त विभागों के लिए उत्पीडऩ सेल के साथ इसकी समीक्षा के आधार पर विभागाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए नए सुधारों की आवश्यकता है। आशा है आप उपरोक्त मामले पर विचार कर पीड़िता एवं उसके परिवार को न्याय दिलाना सुनिश्चित करेंगे।