रेपो रेट पर आ गया RBI का फैसला नो चेंज…भारत बनेगा दुनिया का ग्रोथ इंजन

नईदिल्ली

महंगाई के मोर्चे पर चिंता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) के नतीजों का ऐलान कर दिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब हुआ कि रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है। रेपो रेट के आधार पर बैंक ग्राहकों को लोन देते हैं। रेपो रेट बढ़ने पर बैंकों को ब्याज दर बढ़ाने का मौका मिल जाता है। वहीं, रेपो रेट में कटौती पर बैंक ब्याज कटौती के दबाव में रहते हैं।

बता दें कि केंद्रीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दर में बढ़ोतरी का सिलसिला पिछले साल मई में शुरू किया था। हालांकि, इस साल फरवरी महीने के बाद से रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है। इसके बाद अप्रैल और जून की MPC बैठक में ब्याज दरों में किसी तरह के बदलाव नहीं किए गए।

मजबूत है इकोनॉमी: आरबीआई गवर्नर ने बताया कि ग्लोबल इकोनॉमी में तमाम चुनौतियों के बीच हम मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। शक्तिकांत दास के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था ने महंगाई के नियंत्रण की दिशा में शानदार प्रगति की है। हालांकि, खाद्य मुद्रास्फीति चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत है। हम दुनिया के लिए आर्थिक वृद्धि का इंजन हैं।

शक्तिकांत दास ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति पर निगाह रखेगी। हम  मुद्रास्फीति को लक्ष्य के दायरे में लाने को प्रतिबद्ध हैं। वहीं, चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

फरवरी महीने से रेपो रेट में बदलाव नहीं
देश में महंगाई के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद इसे तय दायरे में वापस लाने के लिए रिजर्व बैंक ने मई 2022 के बाद से लगातार नौ बार Repo Rate में इजाफा किया था. इस अवधि में ये दर 250 बेसिस प्वाइंट बढ़ाई गई थी. हालांकि, महंगाई पर कंट्रोल के साथ ही केंद्रीय बैंक ने इसमें बढ़ोत्तरी पर ब्रेक लगा दिया और फरवरी 2023 के बाद से इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. एक्सपर्ट्स भी उम्मीद जता रहे थे कि RBI रेपो रेट को स्थिर रख सकता है. इससे पहले अप्रैल और जून में हुई बैठक में भी इस दर को स्थिर रखा गया था.

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को स्थिर रखने के साथ ही आरबीआई ने एमएसएफ, बैंक रेट 6.75 फीसदी, जबकि एसडीएफ रेट को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया है. RBI ने वित्त वर्ष 2024 में GDP Growth 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जबकि अगले साल 2025 की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.6 फीसदी जाहिर किया गया है. शक्तिकांत दास ने कहा कि FY24 की पहली तिमाही में रियल GDP ग्रोथ 8 फीसदी रह सकती है.

टमाटर की कीमतों ने बढ़ाई चिंता
MPC बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश में टमाटर की कीमतों (Tomato Price Hike) का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि टमाटर समेत अन्य सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी ने आम लोगों के साथ ही पॉलिसी मेकर्स की भी चिंता बढ़ाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त महीने में महंगाई बढ़ने का अनुमान है. सब्जियों की दाम बढ़ने से महंगाई में उछाल संभव है. रिजर्व बैंक ने कारोबारी वित्त वर्ष 2024 के लिए खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) 5.4 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है. जबकि, इसके पहले यह अनुमान 5.1 फीसदी था.

रेपो रेट बढ़ने से बढ़ जाती है लोन की EMI
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है. रेपो रेट के कम होने से लोन की EMI घट जाती है, जबकि रेपो रेट में बढ़ोतरी से ईएमआई में भी इजाफा देखने को मिलता है. जब देश में महंगाई आरबीआई के तय दायरे से बाहर जाती है, तो फिर इसे कम करने के उद्देश्य से रेपो रेट में इजाफे का फैसला लिया जाता है.

महंगाई और रेपो रेट में क्या है कनेक्शन?
भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई दर पर काबू पाने के लिए रेपो रेट बढ़ाता है और लोन महंगे हो जाते हैं. लोन महंगा होने से इकोनॉमी में कैश फ्लो में गिरावट आती है. इससे डिमांड में कमी आती है और महंगाई दर घट जाती है. रेपो रेट के अलावा एक होता है रिवर्स रेपो रेट. रिवर्स रेपो रेट वो दर होती है, जिसके अनुसार रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को डिपॉजिट पर ब्याज देता है. जून में खुदरा महंगाई (Retail Inflation In June) दर 4.8 फीसदी रही थी.

महंगाई को लेकर विशेषज्ञों का ये है अनुमान
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की ईकोरैप रिपोर्ट में टमाटर और प्याज की अगुवाई में खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी के चलते खुदरा महंगाई जुलाई, 2023 में मासिक आधार पर 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 6.7 फीसदी के स्तर तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है. गौरतलब है कि बीते माह के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े 14 अगस्त को जारी किए जाएंगे. बता दें बीते एक महीने से ज्यादा समय से देश में टमाटर की कीमतें (Tomato Price) आसमान पर हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button