संसदीय सचिव चंद्राकर सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी, श्रमिक, पत्रकार व नागरिकों ने खाया बोरे बासी

महासमुन्द

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अपील पर जिले में जनप्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारी, श्रमिक बंधुओं, पत्रकारगण व आम नागरिकों ने बोरे बासी खाकर श्रमिकों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। संसदीय सचिव एवं विधायक श्री विनोद चन्द्राकर ने अपने निवास पर ही बोरे बासी का स्वाद लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज मजदूरों के सम्मान का दिन है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अपील पर बोरे बासी उत्साह के साथ खाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य और देश के नवनिर्माण में श्रमिकों के योगदान महत्वपूर्ण है।

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल, श्री सतीश जग्गी, अध्यक्ष सिरपुर विशेष क्षेत्र प्राधिकरण ने भी बोरे बासी खाया। वहीं कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर और जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक ने वन प्रबंधन समिति ग्राम कुहरी के पदाधिकारियों, तेंदूपत्ता श्रमिकों व यहां कार्य करने वाले मजदूरों के साथ बोरे-बासी खाकर श्रमिकों का सम्मान किया। इको कैंप कोडार में आयोजित सामूहिक बोरे बासी सेवन कार्यक्रम में जिला सारंगढ़ व जिला शक्ति के आगंतुकों ने भी बोरे बासी खाकर मजदूर दिवस मनाया। इस अवसर पर वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी श्री अब्दुल वहीद खान सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद थे। पुलिस अधीक्षक श्री धमेन्द्र सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आकाश राव गिरपुंजे एवं पुलिस की टीम ने सामूहिक रूप से बोरे बासी का सेवन किया। वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत अपनी बहन के साथ बोरे बासी का आनन्द लिया।

इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि यहाँ के श्रमिकों के परिश्रम से देश को ऊर्जा और देश के विकास को रफ्तार मिलती है। हम ऐसे मेहनतकश मजदूरों, श्रमिकों का सम्मान करते हैं और श्रमिक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए आमनागरिकों से अपील करते हैं कि वे श्रमिकों के सम्मान के लिए आज श्रमिक दिवस में छत्तीसगढ़ के खान-पान, आहार से जुड़े बोरे-बासी को खाएं। हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी इस दिन किसान, मेहनतकश मजदूरों और श्रमिकों के सम्मान में बोरे बासी खा रहे हैं, आमनागरिक भी विटामिन और स्वाद से भरे बोरे बासी को अच्छे सेहत के लिए खाएं। कोडार के इको कैम्प  में सामूहिक बोरे बासी सेवन कार्यक्रम में वन प्रबंधन समिति कुहरी के अध्यक्ष श्री द्वारिका, ज्ञान सिंह, दिलीप गोंड व तेंदूपत्ता श्रमिकों ने भी बोरे बासी खाकर छत्तीसगढ़ी खान-पान और व्यंजन को बढ़ावा देने तथा श्रमिकों के सम्मान में इस तरह के अभियान की सराहना भी की।

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