मोदी सरकार के एक कदम से पाकिस्तान की जगी आस !

 नई दिल्ली

भारत सरकार की ओर से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगे बैन की वजह से पाकिस्तान को बंपर फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है. पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट के अनुसार, राइस एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान (आरईएपी) ने कहा है कि चावल निर्यात पर भारत के प्रतिबंध की वजह से पाकिस्तान के चावल निर्यात में वृद्धि होने का अनुमान है.

आगामी त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू मांगों में बढ़ोतरी और खुदरा कीमतों पर नियंत्रण को ध्यान में रखकर भारत ने बासमती चावल को छोड़कर सभी तरह के कच्चे चावल (गैर-बासमती चावल) के निर्यात पर बैन लगा दिया है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है. भारत से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती चावल की हिस्सेदारी लगभग 25 फीसदी है.

भारत सबसे ज्यादा गैर-बासमती चावल का निर्यात इटली, स्पेन, श्रीलंका और अमेरिका को करता है. भारत के इस फैसले के बाद से ही अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में चावल की खरीद के लिए अफरा-तफरी का माहौल है.

पाकिस्तान के चावल निर्यात में बढ़ोतरीः राइस एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान

राइस एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के चैयरमेन चेला राम केवलानी ने कहा कि विभिन्न चुनौतियों के बावजूद पाकिस्तान ने पिछले वित्तीय वर्ष में 37 लाख टन चावल का निर्यात किया था. जिसकी कीमत लगभग 2.14 अरब डॉलर है.

चेला राम केवलानी ने आगे कहा, "जुलाई में शुरू हुए चालू वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान 50 लाख टन चावल निर्यात करने का लक्ष्य हासिल कर लेगा. जिसकी वैल्यू लगभग 3 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. चावल निर्यात पर भारत के प्रतिबंध का वैश्विक चावल बाजार पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा. इससे वैश्विक बाजार में चावल की कमी होगी. ऐसे में पाकिस्तान को इस मांग को पूरा करने और चावल खरीदने वाले प्रमुख देशों में अपनी बाजार हिस्सेदारी का विस्तार करने का बेहतरीन मौका मिलेगा."

पाकिस्तानी बासमती चावल की कीमतों में उछाल

पाकिस्तान के चावल उद्योग से जुड़े एक अन्य अधिकारी ने कहा, "कुल मिलाकर भारत सरकार की ओर से चावल निर्यात पर लगाए गए बैन से पाकिस्तान के चावल निर्यात के लिए अनुकूल व्यापार माहौल बन सकता है. भारत द्वारा चावल निर्यात पर प्रतिबंध के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की मांग बढ़ने से पाकिस्तान के बासमती चावल की कीमतें 500 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई है. जो एक महीना पहले की तुलना में लगभग 100 डॉलर अधिक है."

एक अन्य व्यापारी का कहना है कि पाकिस्तान की चावल की गुणवत्ता बेहतर है, जिस कारण से इसकी कीमत बढ़ रही है. और आने वाले महीनों में यह बढ़कर 600 डॉलर प्रति टन तक पहुंच सकती है. भारत द्वारा चावल निर्यात पर लगे प्रतिबंध के कारण पाकिस्तान के पास अपने चावल निर्यात को बढ़ावा देने और विदेशी मुद्रा अर्जित करने का यह एक सुनहरा अवसर है."

चावल निर्यात करने में चौथे स्थान पर है पाकिस्तान

पाकिस्तान दुनिया का चौथा सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है. पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमशः भारत, थाईलैंड और वियतनाम है. राइस एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के चैयरमेन चेला राम केवलानी का कहना है कि भारत द्वारा चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से पहले पाकिस्तानी गैर-बासमती चावल 450 डॉलर प्रति टन बिक रहा था. प्रतिबंध के बाद चावल खरीदने वाले देशों ने पाकिस्तान की ओर रुख किया, जिससे पाकिस्तानी चावल की कीमत बढ़कर 500 डॉलर प्रति टन हो गई है.

चेला राम केवलानी ने यह भी कहा कि रूस ने देश में चावल निर्यात करने के लिए 15 और पाकिस्तानी कंपनियों को रजिस्टर्ड किया है और 12 अन्य कंपनियों का पंजीकरण प्रोसेस में है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में इस साल चावल की बंपर फसल होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस साल 90 लाख टन चावल का उत्पादन करेगा और हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान इस साल 3 अरब डॉलर के चावल निर्यात लक्ष्य को हासिल कर लेगा.

भारत ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर क्यों लगाया बैन

भारत सरकार ने आगामी त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है. साल 2022-23 में चावल के कुल वैश्विक निर्यात में भारत का 40 फीसद योगदान था.

2022-23 में भारत के गैर-बासमती सफेद चावल का कुल निर्यात 42 लाख डॉलर का था जबकि पिछले साल यह निर्यात 26.2 लाख डॉलर का था.

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