लेन्ध्रा की रोशनी समूह को सीमेंट के पोल निर्माण से 8 लाख की शुद्ध आमदनी

सारंगढ़

गौठान, बिहान और महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक इकाई (रीपा)  से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। महिलाएं अपनी मेहनत से  लाभ अर्जित कर रही हैं। सारंगढ़ विकासखंड के ग्राम लेन्ध्रा (छोटे) के महिला समूहों के द्वारा गौठान में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के अलावा मल्टीएक्टिविटी सेंटर सह-गोदाम कक्ष में कार्य कराई जा रही है। सीमेंट पोल विक्रय कर समूह की माहिलाएं 8 लाख रूपए की शुद्ध लाभ अर्जित कर चुकी है।

रोशनी स्वसहायता समूह लेन्ध्रा (छोटे) के गौठान में सीमेंट पोल का निर्माण  कार्य महिलाओं द्वारा बेहतर तरीके से किया जा रहा है। पोल निर्माण से महिलाएं अच्छी आमदनी अर्जित कर रही है। रोशनी समूह द्वारा उत्पादित सीमेंट पोल सामग्री का उपयोग अन्य गौठानों में बाउंड्री के लिए उपयोग करने की व्यवस्था की गई, जिसके कारण रोशनी समूह को बिक्री के लिए आर्डर मिलने लगे। रोशनी स्वसहायता समूह की अध्यक्ष हिरन कोशले ने बताया कि उनके समूह में 10 सदस्य हैं। मिक्चर मशीन 2 लाख रूपए में और बाइलरेटर मशीन ढाई लाख रूपए में खरीदी की है। समूह ने अब तक कुल 11 हजार सीमेंट खम्भा बनाया है, जिसमें से 10 हजार 430 खम्बे की बिक्री 16 लाख 68 हजार 8 सौ रूपए में हो चुकी है। खम्भों को बनाने में 8 लाख 34 हजार 4 सौ रूपए की लागत आई है। समूह को शुद्ध 8 लाख रूपए की आमदनी हुई है। रोशनी समूह के सभी सदस्य और उनका परिवार इस कार्य से खुश हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। रोशनी समूह के सभी सदस्यों की यह उपलब्धि अन्य महिला समूहों के प्रेरणादायी है।

राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रीपा और गौठान की सफलता का यह मॉडल है। उल्लेखनीय है कि लेन्ध्रा (छोटे) के गौठान में दीक्षा, सरस्वती, शिवानी, आशाकिरण आदि स्वसहायता समूह वर्मी कम्पोस्ट, जैविक खाद का निर्माण कर रही हैं। अन्य स्वसहायता समूह सर्फ, अगरबत्ती आदि का भी निर्माण कर आत्मानिर्भरता की राह में चल रही हैं।

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