मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 : प्रधानमंत्री मोदी सेट कर गये भाजपा बनाम कमलनाथ का एजेंडा

मोदी ने नाम न भी लिया हो फिर भी छिन्दवाड़ा से आये लोग कह कर ही बता दिया कि विधानसभा चुनाव में भाजपा बनाम कमलनाथ ही यह चुनाव होने वाला है। ऐसा करने के पीछे के राजनीतिक गणित तो बाद में सामने आयेंगे जब चुनाव प्रचार

भोपाल (सुरेश शर्मा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले दिनों में कई बार मध्यप्रदेश के आयोजनों में शामिल हो चुके हैं। उनके आने का लाभ प्रदेश को मिलेगा यह एक बात है। लेकिन दूसरी बात यह है कि इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री का आना भाजपा के लिए लाभ का सौदा हो सकता है। यही कारण है कि विकास की बहती गंगा में नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा के लिए एजेंडा सेट करने का संदेश दे दिया। मोदी ने नाम न भी लिया हो फिर भी छिन्दवाड़ा से आये लोग कह कर ही बता दिया कि विधानसभा चुनाव में भाजपा बनाम कमलनाथ ही यह चुनाव होने वाला है। ऐसा करने के पीछे के राजनीतिक गणित तो बाद में सामने आयेंगे जब चुनाव प्रचार शुरू होगा लेकिन पहली प्रतिक्रिया ही यही आ रही है कि अल्पमत की कांग्रेस को हर हाल में सत्ता पाने वाली भाजपा ने सरकार बनाने का मौका 2018 में क्यों दिया था? क्या कमलनाथ को मुख्यमंत्री और बाद में पूर्व मुख्यमंत्री होने देने का पुरूस्कार दिया गया था? इसी में ही शायद प्रधानमंत्री का एजेंडा सेट करने का कारण भी छुपा हो? अब चुनाव प्रचार पर निगाह रहेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में मध्यप्रदेश के किसी भी विपक्षी नेता पर निशाना नहीं साधा लेकिन कमलनाथ को इशारों-इशारों में प्रदेश चुनाव में भाजपा के सामने बता दिया। यहां कांग्रेस को भी बताया जा सकता था लेकिन प्रधानमंत्री ने छिन्दवाड़ा वालों का ही उल्लेख किया। इसके पीछे के कई राजनीति कारण हैं। कमलनाथ पर निशाना साधने से वे चुनाव के केन्द्र में आ जायेंगे और कांग्रेस बनाम कमलनाथ भी हो जायेगा। इस समय कमलनाथ द्वारा खुद को भावी मुख्यमंत्री प्रचारित करवाने से पार्टी में आक्रोश तो पनप ही रहा है। दिग्विजय सिंह ने जिस प्रकार गिरती कमलनाथ सरकार को बचाने में भूमिका निभाई थी और अब उनकी कमलनाथ के बीच का राजनीतिक समन्वय को देखने में आ रहा है ऐसे में कांग्रेस में सरफुटब्बल होना स्वभाविक सा हो जाता है। इसिलए मध्यप्रदेश के चुनाव का एजेंडा प्रधानमंत्री ने सेट कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कमलनाथ का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनको ग्रामीण विकास के लिए उदासीन बता कर यह भी तय कर दिया कि भाजपा इस बार के विधानसभा चुनाव में शहरों के साथ गांव के विकास को मुद्दा बनाने जा रही है। पंचायतों को जिस प्रकार से अधिक बजट दिया गया है। पेयजल की समस्या के निदान के लिए जिस प्रकार योजना बनाकर काम किया जा रहा है। लाल डोरा योजना के माध्यम से ग्रामीण भवनों का मालिकाना हक और उनकी रजिस्ट्री करवा कर उन्हें मान्यता प्रदान की गई है उससे गांवों का तस्वीर आने वाले समय में बदलेगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा की पकड़ बढऩे का राजनीतिक लाभ भी होगा। कमलनाथ को ग्रामीण विकास के प्रति उदासीन बताने का यही आधार आने वाले में काम आयेगा।

विधानसभा चुनाव का यह एजेंडा सेट कर गये प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश के लिए भाजपईयों को भी संदेश दिया है। उन्होंने शिवराज सिंह चौहान का नाम लेकर उनकी तारीफ की है। प्रदेश में हो रहे विकास को उन्होंने सराहा है। इससे यह संदेश दिया गया है कि प्रदेश में शिवराज को चुनाव से पहले किसी भी प्रकार का कोई राजनीतिक खतरा नहीं मानना चाहिए। वैसे शिवराज सिंह ने अपने भाषण में मोदी की खुलकर तारीफ करके यह बता दिया कि वे तालमेल के साथ प्रदेश विकास पर ध्यान केन्द्रीत करना चाहते हैं। उन्होंने अपने भाषण में कई बार यह प्रमाणित किया कि जनता के साथ उनकी कनेक्टीविटी किस प्रकार की है। जनता से कहवा कर उन्होंने इसे प्रमाणित कर दिया।

अब भाजपा की ओर से चलने वाले राजनीतिक बाणों का निशाना कमलनाथ हो जायेंगे। कांग्रेस के राजनीतिक तीर भी कमलनाथ को ही तलाशेंगे। अल्पमत के मुयमंत्री बनने का सपना कैसे और किसके सहयोग से पूरा हुआ यह बात भी आने वाले समय में परदे से बाहर आ सकती है। इसलिए मध्यप्रदेश विधानसभा के आम चुनाव इस बार अधिक रौचक होंगे। यहां मिलने वाले परिणाम और गुजरात के परिणाम के बाद तय होगा कुशाभाऊ ठाकरे का प्राचीन संगठन सक्षम है या मोदी-शाह का नूतन राजनीति वाला गुजरात?

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