कृष्णोत्सव विरोध : कांग्रेस ने आरिफ मसूद को क्यों उतारा?
छतरपुर घटना के बाद प्रदेश कांग्रेस में राजनीतिक तनाव की स्थिति बनी हुई है। विधानसभा में दो मुस्लिम विधायक हैं और दोनों ही भोपाल से हैं। एक आरिफ अकील के बेटे हैं जो पहली बार के विधायक हैं। लेकिन दूसरे आरिफ मसूद दूसरी बार चुनाव जीते हैं।
सुरेश शर्मा, भोपाल।
छतरपुर घटना के बाद प्रदेश कांग्रेस में राजनीतिक तनाव की स्थिति बनी हुई है। विधानसभा में दो मुस्लिम विधायक हैं और दोनों ही भोपाल से हैं। एक आरिफ अकील के बेटे हैं जो पहली बार के विधायक हैं। लेकिन दूसरे आरिफ मसूद दूसरी बार चुनाव जीते हैं। आरिफ मसूद को लगा कि उनका विधायक होना किस काम का जब उनकी समाज के कांग्रेसी नेता हाजी शहजाद अली का 20 करोड़ का मकान मिट्टी में मिला दिया गया। मसूद ने कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने आग्रह किया है कि वह खुलकर अली का साथ देने के लिए आये। कोई अभी तक सामने नहीं आया है। अब लगता है कि मसूद कांग्रेस के सामने परेशानी खड़ी करना चाहते हैं? यह भी हो सकता है कि कांग्रेस उसको सामने लाकर अपनी राजनीति कर रही हो। अब मसूद ने कृष्ण जन्म का आयोजन मनाने के सरकारी आदेश का विरोध कर दिया है। पूछा है कि यह शिक्षण संस्थाओं में क्यों होना चाहिए? खास बात यह है कि मसूद की मांग पर कांग्रेस की ओर से किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रया नहीं आई है।
मध्यप्रदेश में डा. मोहन यादव की सरकार बनने के बाद से भगवान कृष्ण के प्रदेश से जुड़ी यादों को सामने लाने की योजना बनाई थी। अब कृष्ण जन्म के समय उन भावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए काम शुरू किया गया है। तब कांग्रेस के मुस्लिम विधायक की ओर से विरोध शुरू करा दिया गया। अब राजनीति तेज हो गई है। भगवान श्रीकृष्ण को लेकर मुख्यमंत्री का विशेष लगाव किसी से छुपा नहीं है। सीएम यादव का उज्जैन से जनप्रतिनिधि होने के कारण भी श्रीकृष्ण का लगाव स्वभाविक है। अब श्रीकृष्ण का उज्जैन के सांदिपनी ऋषि के आश्रम में शिक्षा ग्रहण करना। जानापावसे आकर भगवान परसुराम का सुदर्शन चक्र देने जैसे कई प्रसंग उज्जैन के साथ जुड़े हुए हैं। उज्जैन में ही मित्रता के प्रतीक कृष्ण-सुदामा का घटनाक्रम खासा महत्व रखता है। इससे धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं भी होंगी और आस्थाओं का निखार भी होगा। इसलिए मुख्यमंत्री की योजना को सरकार मूर्त रूप देने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस को इसमें धार्मिक आधार दिखाई दे रहा है। विराेध करने के लिए भी मुस्लिम विधायक को सामने करके समाज में दूरियां बनाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसा क्यों है कि सनातन की आस्थाओं को यदि सरकार मदद करती है तब आरोप लगाने के लिए नेता खड़े कर दिये जाते हैं और हज आदि को सबसिडी देने के बाद भी सुविधाओं की मांग की जाती है। प्रदेश कांग्रेस ने अब यह संदेश दे दिया है कि वह आरिफ मसूद की बात को स्वीकार कर रही है। आज कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, विपक्ष के नेता उमंग सिंघार महिला मोर्चा की अध्यक्ष विभा पटेल, विधायक आरिफ मसूद सहित अन्य नेता डीजीपी से मिलने के लिए पुलिस मुख्यालय गये हैं। उन्होंने वहां हाजी का छतरपुर वाला मकान तोड़ने को संविधान विरोधी बताया है।
सरकार की मंशा साफ कृष्ण जन्म को धूमधाम से बनायेंगे
मध्यप्रदेश सरकार की नीति स्पष्ट है कि वह कृष्ण के प्रदेश से जुड़े मामलों को जनता के सामने लाने के लिए विशेष प्रयास करेगी। सीएम डा. मोहन यादव ने बहुत पहले इसकी घोषणा कर दी थी। उज्जैन जहां श्रीकृष्ण की शिक्षा हुई थी वहां से मथुरा तक कैरिडोर बनाने का ऐलान वे पहले ही कर चुके हैं। अब सांदीपनी आश्रम की यादें। जानापाव और सुदर्शन चक्र का घटनाक्रम। सुदामा प्रसंग आम लोगों के लिए याद का आधार बने इस प्रकार के काम किये जाने हैं। जब कां्रगेस सत्ता में थी तब राम वन गमन पथ की बात करती थी लेकिन अब कृष्ण के मामले में समूद को उतार रही है?