शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया पर पड़ताल पूरी, अब किसकी ओर CBI का लेंस?

 नई दिल्ली

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि शराब घोटाले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की भूमिका की जांच पूरी हो चुकी है। सीबीआई ने यह भी कहा है जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री सिसोदिया को लेकर पड़ताल पूरी हो चुकी है, लेकिन विस्तृत साजिश की जांच अभी जारी है। एजेंसी की यह प्रतिक्रिया तब सामने आई जब सिसोदिया के वकील ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट की कॉपी मांगी ताकि यह पुष्टि हो सके कि उनके मुवक्किल के खिलाफ जांच लंबित है या नहीं।

जब कोर्ट ने जांच की स्थिति के बारे में पूछा तो सीबीआई ने कहा कि इस केस में मनीष सिसोदिया की भूमिका की जांच पूरी हो चुकी है। सिसोदिया के वकील को सप्लीमेंट्री चार्जशीट की कॉपी देने की इजाजत देते हुए कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 12 मई तक के लिए बढ़ा दिया। सीबीआई ने 25 अप्रैल दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पहली बार सिसोदिया का जिक्र आरोपी के तौर पर किया है। सिसोदिया की ओर से पेश हुए वकील ऋषिकेश ने सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले का उदाहरण देते हुए दलील दी कि यदि सिसोदिया के खिलाफ जांच पूरी नहीं हुई है और चार्जशीट दायर कर दी गई है तो वह डिफॉल्ट बेल के हकदार हैं। सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उन्हें इसी केस में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 9 मार्च को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं।

इस बीच, दिल्ली हाई कोर्ट में सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई ने दलील दी कि गवाहों ने स्पष्ट रूप से शराब नीति में हेरफेर करने में उनकी भूमिका की पुष्टि की है। सीबीआई ने जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा से कहा कि सिसोदिया के कहने पर ही फर्जी जनमत वाले मेल तैयार किए गए। गौरतलब है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी पूछताछ कर चुकी है। आप के एक अन्य नेता विजय नायर की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। आरोप है कि 2020-21 की आबकारी नीति के तहत शराब कारोबारियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया और बदले में उनसे 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली गई। आम आदमी पार्टी सभी आरोपों को खारिज करती रही है और दलील दी है कि दिल्ली में उनकी सरकार के अच्छे कामकाज को रोकने के लिए फर्जी केस में नेताओं को फंसाया जा रहा है।

 

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