दुनिया के 10 ताकतवर देशों में शामिल हो सकता है भारत, G-7 बनेगा G-10

नई दिल्ली
दुनिया के ताकतवर देशों के समूह जी-7 में जल्द भारत को भी एंट्री मिल सकती है। जापान में 19-21 मई के बीच होने वाली बैठक के दौरान भी समूह के विस्तार को लेकर चर्चा होने के आसार हैं। जी-7 देशों में बातचीत चल रही है कि भारत, चीन और ब्राजील को भी समूह में शामिल कर इसे जी-10 या डी-10 का नाम दे दिया जाए। जी-7 में फिलहाल कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है। समूह की शुरुआत वर्ष 1975 में हुई। तब यह जी-6 हुआ करता था। कनाडा इसमें बाद में शामिल हुआ। पहले इसमें रूस भी था, लेकिन क्रीमिया पर हमले के चलते 2014 में उसे हटा दिया गया। मौजूदा जी-7 समूह दुनिया की 45 फीसदी अर्थव्यवस्था मगर, सिर्फ दस फीसदी आबादी को कवर करता है। इसलिए इसके विस्तार की जरूरत महसूस की गई है। इसमें भारत, चीन और ब्राजील जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को शामिल कर जी-10 या डी-10 (डेमोक्रेसी-10) का नाम देने का प्रस्ताव है। हालांकि अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। जी-7 का मुख्य फोकस दुनिया के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों खासकर शांति की स्थापना, सुरक्षा, आंतकवाद से लड़ने, शिक्षा-स्वास्थ्य और पर्यावरण के मुद्दों का समाधान निकालना रहा है, जबकि जी-20 अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर ज्यादा केंद्रीत रहता है।

भारत को आमंत्रण
जापान में हो रहे जी-7 सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भारत को भी आमंत्रित किया गया है। इससे पूर्व भी नौ मर्तबा आमंत्रित किया गया है। इसमें 2003 में फ्रांस, 2005 में ब्रिटेन, 2006 में रूस, 2007 में जर्मनी, 2008 में जापान, 2009 में इटली, 2019 में फ्रांस, 2021 में ब्रिटेन तथा 2022 में जर्मनी शामिल है। इन सभी बैठकों में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्रियों ने शिरकत की। जापान ने जिन आठ सहयोगी देशों को आमंत्रित किया है, उनमें भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कोमोरोस, कुक इजलेंड, इंडोनेशिया, कोरिया तथा वियतनाम शामिल हैं। इसके अलावा सात अंतरराष्ट्रीय संगठन भी है।

तीन सत्र में हिस्सा लेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन आउटरीच सत्रों में हिस्सा लेंगे, जिनमें खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, विकास और लैंगिग मुद्दों पर मिलकर कार्य करना, सतत विकास जलवायु, ऊर्जा पर्यावरण से जुड़ा सत्र तथा तीसरा शांतिपूर्ण, स्थिति समृद्ध विश्व की स्थापना से जुड़ा सत्र है। इसके अलावा इस दौरान अलग से भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी हिस्सा लेगा।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button