आधार लिंक हुआ तो सालों से पेंशन ले रहे 22 हजार लाभार्थी लापता, FIR भी लिखाने की तैयारी
लखनऊ
आधार लिंक होने के साथ वर्षों से पेंशन ले रहे 22 हजार लाथार्थी लापता हो गए। इनमें 7500 निराश्रित महिला पेंशन की लाभार्थी हैं। वहीं वृद्धावस्था पेंशन की लाभार्थियों की संख्या 15 हजार है। इसी तरह 15 हजार वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों का भी अता पता नहीं है। समाज कल्याण विभाग के अफसर इनको ढूंढ़ रहे हैं। आचार संहिता खत्म होने के बाद दोबारा खोज शुरू हुई है। एफआईआर भी लिखाने की तैयारी है।
मौजूदा समय 51 हजार 278 महिलाओं को निराश्रित महिला पेंशन का लाभ मिल रहा है। इसी तरह वृद्धावस्था पेंशन लाभार्थियों की संख्या 72 हजार 710 है। पिछले वर्ष आधार सत्यापन शुरू हुआ। अधिसंख्य लाभार्थियों ने अपना आधार और बैंक खाता लिंक करा लिया। बावजूद इसके बड़ी संख्या में लाभार्थी नहीं मिले। डीपीओ विकास सिंह ने बताया कि ऐसे में संयुक्त टीमें बना कर घर-घर सत्यापन शुरू कराया गया। इस दौरान पांच से सात हजार निराश्रित और नौ हजार के करीब वृद्धावस्था पेंशन लाभार्थियों का पता लगा। उनके विवरण दर्ज करा दिए गए। पेंशन भी दी जाने लगी। अब जो शेष रह गए हैं उनका किसी भी तरह से पता नहीं लग पा रहा है। यहां तक कि जिन मोहल्लों का पते में उल्लेख है वहां भी सूचना भिजवा दी गई है कि किसी को संबंधित लाभार्थी के बारे में कोई सूचना हो तो जरूर बताए।
क्या फर्जी लाभार्थी ले रहे थे पेंशन….
समाज कल्याण विभाग के अधिकारी इस संभावना से इनकार नहीं कर रहे कि कई लाभार्थी पात्र नहीं थे। जो आधार का विवरण लेकर सामने नहीं आए। दिए गए पते पर भी नहीं मिले। ऐसे 99 फीसदी लाभार्थी फर्जी माने जा रहे हैं। वर्षों तक पेंशन भी इनको मिलती रही।
तीन हजार लाभार्थी देर से आए
निराश्रित महिला पेंशन की 1335 लाभार्थी बाद में आईं और अपना पता अपमार्जित कराया। इसी तरह वृद्धावस्था पेंशन में 1515 का पता अपडेट हुआ। इन लाभार्थियों ने बताया कि पता बदल जाने की वजह से सत्यापन की जानकारी नहीं हो सकी। पेंशन रुक गई तो जानकारी मिली। ऐसे में सूचनाएं सही करा दीं। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आचार संहिता खत्म होने के बाद इन सभी के नाम संशोधन में दर्ज करा दिए गए। अब पेंशन मिलने लगेगी।