IAS छवि रंजन ने निचली अदालत के निर्णय को दी चुनौती,अब हाईकोर्ट की शरण में

रांची

लैंड स्कैम के आरोपी आईएएस छवि रंजन अब हाईकोर्ट की शरण में गए हैं। उन्होंने पीएमएलए कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए डिफॉल्ट बेल देने की गुजारिश की है। दरअसल आईएएस छवि रंजन की ओर से निचली अदालत में सीआरपीसी की धारा 167 के तहत याचिका दाखिल की गयी थी। इस याचिका के तहत पुलिस और जांच एजेंसी को चार्जशीट दाखिल करने के लिए समय तय किया गया है। जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया। अब वे हाईकोर्ट से न्याय करते हुए डिफॉल्ट बेल का अनुरोध कर रहे हैं।

जमानत याचिका भी स्पेशल कोर्ट से खारिज
मंगलवार को ईडी की स्पेशल कोर्ट ने आर्मी जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद आईएएस अधिकारी छवि रंजन की ओर से दाखिल जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। ईडी की विशेष अदालत के विशेष न्यायधीश दिनेश राय की अदालत में सुनवाई हुई थी। पांच अगस्त को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला रख लिया था। मंगलवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

छवि रंजन के वकील ने कोर्ट से क्या कहा
ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ कोर्ट में छवि रंजन ने याचिका दाखिल करते हुए जमानत की गुजारिश की थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के वकील ने कहा था कि छवि रंजन मामले में निर्दोष है। उन पर मनी लाउंड्रिंग का केस नहीं बनता है, इसलिए उन्हें जमानत दी जाये। इसका विरोध ईडी के वकील शिव कुमार काका ने किया था। उनकी ओर से कहा गया था कि छवि रंजन फर्जीवाड़ा कर भूमि खरीद-बिक्री मामले के मुख्य सूत्रधार हैं। इन्हें जमानत नहीं देनी चाहिए।

कैसे हुआ था आर्मी लैंड स्कैम का खुलासा
सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा का खुलासा सबसे पहले आयुक्त की जांच रिपोर्ट में हुआ था। रिपोर्ट में यह बात सामने आयी थी कि प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेची है। जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले थे।

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