निष्कर्ष पर नहीं पहुंची सरकार, तीन लाख शिक्षकों को वरिष्ठता बहाली का इंतजार

दंड यात्रा भी की, अफसरों से गुहार भी लगाई, लेकिन सेवा से गायब हुए 20 साल वापस नहीं मिले

भोपाल। सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले कोई तीन लाख शिक्षकों को वरिष्ठता बहाली का इंतजार अब नासूर लगने लगा है। कारण है कि समय लंबा निकल चुका है लेकिन आरोप भी लगाया है कि अफसरशाही मुख्यमंत्री और सरकार की मंशा पर पानी फेर रही है।
यह सभी वे शिक्षक हैं जिनका वर्ष 2018 के दौरान अध्यापक संवर्ग से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया था। वरिष्ठ बहाली मंच के प्रदेश अध्यक्ष परशुराम कापड़िया कहते हैं कि अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा विभाग में लेते समय तकनीकी कारणों से प्रथम नियुक्ति दिनांक से 30 जून 2018 के मध्य की 20 वर्ष की सेवा वरिष्ठता शून्य कर दी गई है। अधिकारियों की इस तकनीकी त्रुटि के कारण प्रदेश के तीन लाख अध्यापकों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। जिसके कारण दिवंगत व सेवानिवृत्त शिक्षकों को सेवा उपादान सहित अन्य स्वत्व का भुगतान नहीं हो पा रहा है। यह लोकसेवक एनपीएस धारी सेवानिवृत्त शिक्षक आर्थिक बदहाली में जीवन यापन कर रहे हैं। परशुराम कहते हैं कि अधिकारियों ने उस समय कोई विज्ञापन जारी नहीं किया और नवीन नियुक्ति संबंधी जिक्र आदेश में करते हुए सुनियोजित तरीके से सेवा के 20 साल गायब कर दिए। उनका कहना है कि जब अनिवार्य सेवानिवृत्ति की बात होती है तो 20 साल जोड़ लिए जाते हैं। जब लाभ की बारी आई तो इतना लंबा समय गायब कर दिया है।

अधिकारियों ने षडयंत्र किया है शिक्षकों के साथ : सिसोदिया

मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विश्वजीत सिंह सिसोदिया ने कहा कि विभाग के अधिकारियों ने इन शिक्षकों के साथ एक प्रकार का षड्यंत्र किया है। ताकि ये लाभ से वंचित रहें और संघर्ष करते-करते हार मान जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अध्यापकों को शिक्षा विभाग में शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था लेकिन अधिकारी सरकार की मंशा पर पानी फेरने में तुले हुए। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों ने न्याय पाने के लिए मीलों दूर से राजधानी तक दंड और लोटन यात्रा की थी। ज्ञापन भी सरकार को दिए लेकिन कोई न्याय नहीं मिल पाया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button