यूपी के इस शहर में हर साल गुठलियों से महिलाएं-युवा बढ़ा रहे हरियाली

यूपी  

बीते जमाने में लोग गुठलियों से पौधे उगाते थे और उन्हें घर-आंगन अथवा खेत की मेढ़ पर रोप देते थे। सड़क, गांवों के रास्तों पर भी गुठलियां ऐसे स्थानों पर फेंक देते थे, जो उग आते थे और पेड़ बन जाते थे। फल और छायादार पौधे गर्मी में लोगों को राहत पहुंचाते थे। तब लोग इसे आम के आम और गुठलियों के दाम कहावत कहते थे। धीरे-धीरे यह बात बीते जमाने की बात हो चली थी, लेकिन अब धीरे-धीरे वह दौर फिर से लौट रहा है। मेरठ के युवा और महिलाएं ऐसी ही अनूठी मुहिम चलाकर गुठलियों से पौधे उगा रहे हैं और इन पौधों के जरिए हरियाली भी बढ़ा रहे हैं।

मेरठ में इस मुहिम के पिछले कई सालों में विभिन्न सामाजिक और स्वयंसेवी संगठनों से जुड़े युवा और महिलाएं चला रही हैं। प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से सम्मानित ईहा दीक्षित, लेडीज क्लब मेरठ की अध्यक्ष रितु मांगलिक, सेक्रेटरी अलका गुप्ता, मिशन ग्रीन अर्थ-ग्रीन केयर सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. विजय पंडित एवं पूनम पंडित , एनवायरमेंट क्लब के सावन कन्नौजिया, बूंद फाउंडेशन के अध्यक्ष रवि कुमार व उनकी बेटी रितिशा समेत कई एनजीओ के पदाधिकारी नीम, आम, जामुन गुठलियों से पौधे तैयार करने की मुहिम को अंजाम दे रहे हैं।

घर-आंगन और मकान की छतों पर गुठलियों से पौधे तैयार करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण की मुहिम के तहत आम लोगों को यह पौधे नि:शुल्क वितरित करते हैं। पौधारोपण कराने के साथ ही इन पौधों की देखभाल के लिए भी लोगो को प्रेरित करते हैं। 

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