वोट 70 हजार भी नहीं मिले कमाल यह कि सदस्यता में प्रदेश में दूसरा स्थान

भाजपा के छोटे से लगाकर बड़े नेता तक से आप बात करिए कुछ देर बाद मध्य विधानसभा क्षेत्र की चर्चा निकाल ही आएगी। चर्चा का मुख्य आधार होता है विधानसभा क्षेत्र सदस्यता के मामले में दूसरे नम्बर पर है। इंदौर क्रमांक दो के बाद सबसे अधिक सदस्य भोपाल कि इस मध्य विधानसभा सीट पर ही बने हैं।

सुरेश शर्मा भोपाल।

भाजपा के छोटे से लगाकर बड़े नेता तक से आप बात करिए कुछ देर बाद मध्य विधानसभा क्षेत्र की चर्चा निकाल ही आएगी। चर्चा का मुख्य आधार होता है विधानसभा क्षेत्र सदस्यता के मामले में दूसरे नम्बर पर है। इंदौर क्रमांक दो के बाद सबसे अधिक सदस्य भोपाल कि इस मध्य विधानसभा सीट पर ही बने हैं। मजे की बात ये है कि यहाँ से भाजपा प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह को 66 हजार से कुछ ज़्यादा वोट ही मिले थे, जबकि सदस्यता की संख्या इससे बहुत ज्यादा है? कुछ नेता इसे मोबाइल का कमाल बता रहे हैं तो ऐसा कहने वाले भी बहुत है कि हार के बाद कार्यकर्ता परिश्रम कर रहा है। इस बात को कोई भी बड़ा नेता स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि यह मिस काल सदस्यता एक जगह बैठकर कि हुई है।

2023 चुनाव के समय मध्य विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह को अगर छियासठ हज़ार चार सौ अस्सी वोट मिले थे। जबकि सदस्यता अभियान में सदस्य बनाने की सफलता इस से कहीं ज्यादा हैं। बताया जा रहा है कि एक एक कार्यकर्ता ने दो दो हजार से ज्यादा मिस काल सदस्य बना दिए हैं। हालाँकि स्थानीय भाजपा नेता इस सदस्यता को सही और प्रामाणिक बता रहे हैं फिर भी इस बात को लेकर आशंका है कि एक से अधिक फोन रखने वाले व्यक्तियों से मिस काल कराकर सदस्यता की संख्या को अप्रत्याशित रूप से बढ़ाया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल कि मध्य विधानसभा सीट मुस्लिम मतदाता अनुपात में दूसरी सीट मानी जाती है। इसमें भाजपा को चुनावी सफलता प्राप्त करने के लिए ख़ासी मशक़्कत करना पड़ती है। ऐसे में सदस्य संख्या पहली बार में ही सबसे अधिक हो जाना आचरण भरा लगता है। एक समय तो ऐसा था जब मध्य विधानसभा की सदस्यता प्रदेश में सबसे अव्वल थी। इसके बाद अन्य विधानसभा क्षेत्र के नेताओं को अपने सफल होने की चिंता सताने लगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में भाजपा इन्दौर क्रमांक 2 सीट से सबसे अधिक वोटों से जीतती रही है। वहाँ के विधायक रमेश मेंदोला ने ध्यान दिया तो सदस्यता तेजी से बढ़ी। इसी प्रकार वरिष्ठ भाजपा नेता तथा इन्दौर एक के विधायक कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में सदस्यता अभियान की कमान सँभाली। तब वहाँ जाकर तेजी से सदस्यता होना शुरू हुई। अब इंदौर क्रमांक 2 पहले स्थान पर बनी हुई है, जबकि इंदौर क्रमांक एक और भोपाल की मध्य में कांटे की टक्कर है। मध्य की सदस्यता को लेकर इसलिए भी चर्चा की जा रही है क्योंकि गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र जीत के आंकड़े को प्रदेश में अव्वल स्थानों में से एक रखता रहा है।

भोपाल के भाजपा नेताओं में आपसी चर्चा है कि मध्य क्षेत्र का यह चमत्कार किस प्रकार हो गया? क्या इसी प्रकार के चमत्कार के कारण भाजपा की सदस्यता लक्ष्य के करीब पहुँच रही है? वैसे भी मिस काल की सदस्यता में भावनात्मक सरोकार नहीं हुआ करता है। पार्टी के सूत्र यह कहते हैं कि मिस काल के बाद फार्म भरने की संख्या भी काफी अधिक है। एक और तथ्य सामने आया है कि ग्रामीण अंचलों में महिलाओं की सदस्यता मोबाइल न होने के कारण कम हुई है। जिसे दूसरे तरीकों से बढ़ाया जाएगा। जानकारी के अनुसार इस सदस्यता अभियान में महिलाओं की संख्या महज 15 लाख ही बतायी जा रही है।

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