प्रदेश कांग्रेस की पहली बैठक में शामिल नहीं हुए दिग्गज

प्रदेश कांग्रेस के गठन के 27 दिन बाद पहली बैठक शुरू हुई। राजनीतिक मामलों की कमेटी की इस बैठक के 25 सदस्यों में 17 सदस्य शामिल नहीं हुए। पूर्व सीएम और वर्तमान और पूर्व नेता प्रतिपक्ष सहित कई दिग्गज नेता इस बैठक में शामिल नहीं हुए।

विशेष प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के गठन के 27 दिन बाद पहली बैठक शुरू हुई। राजनीतिक मामलों की कमेटी की इस बैठक के 25 सदस्यों में 17 सदस्य शामिल नहीं हुए। पूर्व सीएम और वर्तमान और पूर्व नेता प्रतिपक्ष सहित कई दिग्गज नेता इस बैठक में शामिल नहीं हुए। प्रदेश प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह ने पत्रकारों को जवाब दिया है कि कुछ नेता आनलाइन जुड़ सकते हैं। बताया जाता है कि पटवारी की कार्यशैली ने नाराज होने के कारण बड़े नेताओं ने बैठक से दूरी बनाई है। अभी तक की जानकारी के अनुसार कांग्रेस प्रदेश की मोहन सरकार के खिलाफ जमीनी स्तर पर लड़ने की छह माह की योजना बना रही है। इसमें स्थानीय स्तर पर प्रदर्शन किये जायेंगे। बैठक की योजनाओं पर बड़े नेताओं के शामिल न होने का ग्रहण साफ दिखाई दे रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार राजनीति मामलों की समिति की पहली बैठक में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, डा गोविंद सिंह, अरूण यादव कमलेश्वर पटेल, बाला बच्चन और शोभा औझा सहित अन्य कुछ बड़े नेता नहीं आये। राजनीतिक मामलों का निर्णय इन नेताओं के बिना कितना परिणामदायक होगा इस पर चर्चा शुरू हो गई है। इसके बाद भी जीतू पटवारी इस बैठक से उत्साहित हैं। कांग्रेस जमीनी स्तर पर सकि्रय हाेना चाहती है। इसलिए वह सभी प्रकार के प्रयास कर रही है।
प्रदेश प्रभारी जितेन्द्र सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मोहन सरकार ने जनता से किये वादों काे पूरा नहीं किया है। किसानों को लेकर कांग्रेस अधिक आक्रामक दिखाई दे रही है। उपचुनाव के परिणाम दो दिन बाद आने वाले हैं। कांग्रेस उनकी चिंता किये बिना ही अगले कदम की तैयारी करती दिखाईदे रही है।

अभी राजनीतिक मामलों की कमेटी मिल रही है। इसके बाद कार्यसमिति और विशेष आमंत्रित सदस्यों की बैठक होगी। इस बैठक के बाद आने वाले छह महीनों में कांग्रेस किस प्रकार के आयोजन करेगी इसकी योजना पर मोहर लग जायेगी। उपचुनाव में भाजपा के काम करने के तरीके काे देखा गया है। कांग्रेस अपने जमीनी कार्यकर्ताओं को संगठन के रूप में सकि्रय करना चाहती है। बैठक का परिणाम तो आने वाले समय में पता चलेगा लेकिन इस प्रयास को रचनात्मक माना जा रहा है। जीतू पटवारी संगठन को सकि्रय करने की योजना पर काम कर रहे हैं। संभवतया यही उनसे नाराजगी का कारण देखा जा रहा है। बैठक की सूचना काफी पहले दी जा चुकी थी। इसलिए दिग्गज नेताओं का न पहुंचना नाराजगी है ऐसा मानने का अवसर देता है। उमंग सिघार का बैठक में न आना कमलनाथ और दिग्वजय सिंह से अधिक चर्चा का मुद्दा बन गया है। इस बैठक से ताकतवर कांग्रेस का संदेश देने का काम पूरा नहीं हुआ हे। अब एकता बड़ा विषय हो गया है।

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