24 चुनाव के बाद राजनीति में नया संदेश भीड़ वाले प्रदर्शन

लोकसभा चुनाव 2024 के समय जिस प्रकार के चुनाव परिणाम आये उससे यह संदेश गया था। एक समुदाय एक साथ आकर मतदान कर रहा है जबकि बहुसंख्यक समाज में जातिगत विभाजन हो चला है। इस प्रकार का नैरेटिव विपक्षी नेताओं ने बनाने का प्रयास किया।

सुरेश शर्मा, भोपाल।

लोकसभा चुनाव 2024 के समय जिस प्रकार के चुनाव परिणाम आये उससे यह संदेश गया था। एक समुदाय एक साथ आकर मतदान कर रहा है जबकि बहुसंख्यक समाज में जातिगत विभाजन हो चला है। इस प्रकार का नैरेटिव विपक्षी नेताओं ने बनाने का प्रयास किया। लोकसभा की पहली बैंच पर अयोध्या के सांसद को बिठाया गया ताकि सत्ता पक्ष को यह अखरता रहे। इसके बाद बांग्लादेश का घटनाक्रम हो गया। सत्ता बदलाव का भारत की राजनीति पर उनता असर नहीं डाला जितना उसके बाद हिन्दू समाज पर हमलो ने डाला है। यह तो नहीं हो सकता ना कि सभी हिन्दूओं को भारत की नागरिकता दे दी जाये। उन्हो अपने देश में सुरक्षित वातावरण मिले इसकी आवाज उठाने का दायित्व भी भारत का ही बनता है। इसलिए वहां बने इस वातावरण का भारत में अब साफ असर दिखाई देने लग रहा है।

सबसे पहले इस भीड़ भरे प्रदर्शन का संदेश शिमला से आया। वहां एक अवैध मस्जिद के खिलाफ बहुसंख्यक समाज को प्रदर्शन करना पड़ा। यह भीड़ भरा प्रदर्शन अजब संदेश लिये थे। इसके बाद मध्यप्रदेश की राजनीति भोपाल की तहसील बैरसिया में लड़कियों से छेड़छाड़ के मामले में कमोवेश उसी प्रकार का भीड़ भरा प्रदर्शन हुआ है। अजीब बात यह सामने आई है कि राजनीतिक सीमाओं को लांघते हुए हर घर से प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लोग शमिल हुए। यहां कुछ मनचले मस्लिम युवकों द्वारा छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और अश्लील वीडियाें जारी करने का मामला था। इसी के साथ अगली भीड़ वाले प्रदर्शन की खबर भी हिमाचल से ही आई है। मंडी में भीड़ ने सरकारी जमीन पर मस्जिद के विस्तार के विरोध में प्रदर्शन किया गया। वहां भी शिमला दोहराया गया है। समुदाय ने खुद ही उस सरकारी जमीन वाले अतिक्रमण को हटाना शुरू कर दिया है। यह नया राजनीतिक संदेश इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। आगे क्या होगा यह इसके कुछ दिनों के बाद समझ में आयेगा?

एमपी से हिमाचल तक भीड़ भरे प्रदर्शन

दो कारण एक समान हैं। हिमाचल प्रदेश में दो मस्जिदों के विराट स्वरूप और गैर कानूनी निर्माण का विरोध स्थानीय लोगों ने किया है। लेकिन दोनों ही जगह पर समुदाय ने खुद आगे आकर अवैध निर्माण को गिराने का काम शुरू कर दिया। अब यह हो सकता है कि आने वाले समय में इस प्रकार के अवैध काम कर दिये जायें। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की एक तहसील में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ के मामले ने इतना तूल पकड़ा कि एक भीड़ भरा प्रदर्शन राजनीतिक सीमाओं को लांघते हुए हुआ। यहां भी समुदाय विशेष के लड़कों की ही कारस्तानी थी।

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