होलाष्टक से अटकी भाजपा की चार सरकारें

नई दिल्ली (विशेष प्रतिनिधि)। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद चार राज्यों में भाजपा और एक में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनाने का जनादेश प्राप्त हुआ था। आप ने अपनी सरकार बना ली लेकिन भाजपा को मिले जनादेश के अनुरूप सरकार गठन का काम होली के बाद किये जाने की चर्चा हे। जानकारों का कहना है कि होली के समय आठ दिन कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है क्योंकि इन दिनों में होलाष्टक लग जाते हैं। इसलिए भाजपा होली खेलने के बाद ही चार राज्यों की सगठन का कार्य करेगी। यूपी और गोवा में मुख्यमंत्री के नाम तय हो चुके हैं जबकि मणिपुर कोई विवाद नहीं है। उत्तराखंड ऐसा राज्य है जिसने भाजपा के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को चुनाव में हरा दिया। इसका निर्णय भी होना शेष है।

होलाष्टक लगने के कारण भाजपा को मिले चार राज्यों के जनादेश का सरकार के रूप में रूपांतरण नहीं हो पाया है। भाजपा की ओर से कहा गया है कि 19 मार्च के बाद सरकार बन जायेगी। जानकार इसका मतलब यही निकाल रहे हैं। सभी मिथक तोडऩे वाले योगी आदित्यनाथ भी यह मानते हैं कि मलमास, श्राद्ध और होलोष्टक जैसे समय में शुभ कार्य वर्जित बताये गये हैं। तब सरकार के गठन को टाला जाना चाहिए। यूपी में बाबा को तगड़ा जनादेश मिला है और योगी ने दोबारा सरकार न आने और नोयडा में जाने वाला मुख्यमंत्री दोबारा अपनी पोस्ट पर नहीं आ सकता है जैसे मिथक को समाप्त किया है। प्रदेश में भाजपा की सरकार तीन दशक के बाद दोबारा बनने वाली सरकार बन गई है और योगी इसके नायक।

इसका समय का लाभ भाजपा संगठन ने उठाया और मंत्री मंडल गठन की पूरा रूपरेखा तैयार कर ली। किस राज्य में कौन मंत्रीमंडल में आयेगा और किसे संगठन में भेजा जायेगा? सबसे अधिक समीकरण यूपी को लेकर तैयार किये जा रहे हैं। वहां से लोकसभा की 85 सीटें आती हैं जो केन्द्र सरकार के गठन की चाबी रखती है। पिछली बार भाजपा को वहां से पर्याप्त जनादेश मिला था। लोकसभा चुनाव के लिहाज से समीकरण फिट करने के लिए भाजपा के रणनीतिकार काम कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि यूपी में मंत्रीमंडल गठन के लिए कसरत पूरी हो गई और वे नाम खबरों में तैरने लग गये हैं जिन्हें सरकार में शामिल किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जोड़ी को भाजपा के संगठन का समर्थन मिल जाने की स्थिति में जीत की संभावना सर्वाधित हो जाती है। अन्य दलों की बड़ी से बड़ी चुनौती को यह जोड़ी कमतर करने की स्थिति में है। अब तो यह देखने वाली बात है कि होलाष्टक का समय खत्म होने पर मोदी-शाह के पिटारे से किसकी किस्मत चमकती दिखाई देगी।

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