हीरा निर्यात में 19 फीसदी गिरावट
मुंबई। वित्त वर्ष 20 के पहले आठ महीने में तराशे हीरों के निर्यात में 19.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे रत्न और आभूषणों का कुल निर्यात 5.8 प्रतिशत गिरकर 25.5 अरब डॉलर रह गया है। उद्योग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रमुख उपभोक्ता देशों में आर्थिक मंदी, बैंकों के साथ वित्तीय मसले चिंताजनक होने और कच्चा माल आयात करने के प्रति सीमा शुल्क विभाग का प्रतिकूल रुख उद्योग के लिए बड़ी अड़चन है। प्रयोगशाला में तैयार किए गए हीरों की बढ़ती लोकप्रियता और युवा उपभोक्ताओं की बदलती पसंद की वजह से निर्यात में गिरावट आ रही है। पिछले वित्त वर्ष के पहले आठ महीने अप्रैल से नवंबर की तुलना में वित्त वर्ष 20 की समान अवधि के दौरान तराशे हीरों का निर्यात 19.40 प्रतिशत गिरकर 13.27 अरब डॉलर रह गया। जहां तक विभिन्न रत्नों के निर्यात की बात है, तो यह 20.73 प्रतिशत गिरकर 26.3 करोड़ डॉलर रहा। अप्रैल के बाद से सीमा शुल्क विभाग तीन अधिसूचनाएं जारी कर चुका है जिन्होंने निर्यात को फीका करते हुए धारणा को प्रभावित कर दिया। जून में जारी की गई अधिसूचना शुल्क भुगतान किए बिना आयात बकाये का लाभ लेने से संबंधित थी। मई में सीमा शुल्क विभाग ने कच्चे हीरों के आयात और निर्यात के मूल्यों की संदिग्ध गलत घोषणाओं के संबंध में कई प्रकार के खुलासे करने के लिए कहा था। मई की अधिसूचना के बाद से कच्चे हीरों का आयात करने वाले निर्यातक खेप नहीं उठा पाए थे। इन सब मसलों ने इस क्षेत्र में निर्यात को नुकसान पहुंचाया है।