स्वाइन फ्लू के दो मरीज मिले-विदिशा जिले में एक युवक की मौत
भोपाल। बारिश के कारण प्रदेश के मौसम में ठंडक धुलते ही स्वाइन फ्लू के वायरस भी सक्रिय हो गए है। इन्होंने लोगों को अपना शिकार बनाना भी शुरु कर दिया है। इस बीमारी के हफ्तेभर में दो मरीज मिले हैं। इनमें विदिशा जिले के 22 साल के एक मरीज की तीन दिन पहले मौत हो गई। उसका भोपाल के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था।
भोपाल का भी एक व्यक्ति स्वाइन फ्लू से संक्रमित हुआ है। उसका भी एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। अप्रैल के बाद एक बार फिर भोपाल में स्वाइन फ्लू के मरीज मिले हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में नमी और ठंडक बढऩे की वजह से स्वाइन फ्लू के मरीज मिल रहे हैं। इससे बचने के लिए सावधानी रखना बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य संचालनालय की तरफ से एक-दो दिन में स्वाइन फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया जा सकता है। अगस्त-सितंबर में मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मरीज दिसंबर से फरवरी के बीच मिलते हैं। जेपी अस्पताल में स्वाइन फ्लू का वार्ड तैयार है।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. आईके चुघ ने बताया कि डेंगू और स्वाइन फ्लू से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है। स्वाइन फ्लू की दवा भी अस्पताल में उपलब्ध है। हमीदिया अस्पताल के छाती व सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. लोकेंद्र दवे ने कहा कि मौसम में नमी व ठंडक होने के साथ ही वायरस से होने वाली बीमारियां बढ़ जाती हैं। यही वजह है कि स्वाइन फ्लू के मरीज मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू से बचने के लिए भीड़ में जाने से बचें। खांसते व छींकते समय मुंह पर कपड़ा रखें। सर्दी-जुकाम, तेज बुखार और सांस में तकलीफ हो तो इलाज कराने में देरी न करें। रात में ठंडी चीजें खाने -पीने से बचें। उधर इस साल अभी तक डेंगू के ज्यादा मरीज नहीं मिले हैं। जुलाई में 10 मरीज डेंगू के मिले हैं। चिकनगुनिया का एक भी मरीज नहीं मिला है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने कहा कि अगस्त में डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। स्वाइन फ्लू के लक्षणों में सर्दी, जुकाम, तेज बुखार, कफ निकलना, सांस लेने में तकलीफ, सीने में भारीपन की शिकायत होती है। ऐसी किसी भी परेशानी होते ही डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए। लापरवाही नहीं बरतना चाहिए।