सोच समझकर मणिशंकर बने हैं अरूण?
भोपाल। विशेष प्रतिनिधि। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और खंडवा लोकसभा से टिकिट पाने में असफल रहे अरूण यादव ने हेमामालिनी और स्मृति ईरानी को चुनाव में लाकर कांग्रेस के लिए मणिशंकर अय्यर जैसा खेला कर दिया है। उन्होंने अपने भाषण में भाजपा की इन दो नेत्रियों की बात करके कांग्रेस के राजनीतिक संकट में डाल दिया है। अब भाजपा ने महिलाओं के प्रति कांग्रेसी नेताओं की मानसिकता पर सवाल उठाकर राजनीतिक फसल काटने की तैयारी कर रहे हैं। वैसे भी खंडवा भाजपा के सबसे आसान राह दिखाई दे रही थी।
अरूण यादव के मन में खंडवा से टिकिट न मिलने की टीस है। इस टीस में सबसे अधिक इस बात पर दुख है कि खंडवा के नेताओं ने वक्रव्यूह में अभिमन्यू की भांति अरूण यादव का राजनीतिक वध कर दिया। टिकिट न लेने की बात इसी राजनीतिक घेराबंदी का परिणाम है जिससे अरूण यादव आहत हैं।
सबसे पहले प्रचार के समय उन्होंने कहा था कि फसल वे तैयार करते हैं काट कोई और ले जाता है। इसके पीछे उनके दो दर्द थे। पहला कांग्रेस पार्टी को प्रदेश में सक्रिय करने के लिए गांव-गांव घूमने के बाद आम चुनाव से पहले कमलनाथ को पार्टी ने कमान देकर अरूण को बौना कर दिया। उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने चुनाव मैदान में उतार कर सदन में प्रवेश की संभावनाओं को भी खत्म कर दिया। ऐसे में खंडवा उपचुनाव में उनकी दावेदारी प्रबल बनती थी। यहां भी राजनीतिक चक्रव्यूह में फंसाकर उन्हें टिकिट से परे रखकर दूसरा बड़ा झटका दे दिया गया। अरूण यादव इसका बदला लेने का मिशन पूरा कर रहे हैं।
अब अरूण यादव ने भाजपा की महिला नेत्रियों को प्रचार में लाकर भाजपा की राह आसान करने का उपक्रम कर दिया है। जिस प्रकार से गुजरात चुनाव में मणिशंकर अय्यर का मोदी को लेकर दिया गया बयान गुजरात भाजपा की जीत का आधार बन गया था। जिस प्रकार कमलनाथ के द्वारा आइटम कहने का असर उपचुनावों में पड़ा और भाजपा अपेक्षा से अधिक उपचुनाव जीत कर सरकार में पक्की हो गई। अब अरूण यादव ने महिलाओं पर टिप्पणी करके कांग्रेस के लिए संकट पैदा कर दिया है।
एक तरफ कांग्रेस का विधायक पुत्र रेप मामले में फरार है दूसरी और कांग्रेस रैगांव प्रत्याशी का चश्मा मामला फैंककर विवादों में है ही अरूण यादव ने एक कदम चलकर कांग्रेस के सामने समस्या पैदा कर दी है।