सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ का चुनाव विवादित मान्यता प्राप्त संगठनों के लिए प्रेरणा
हर जिले में लोकतंत्र की परिलक्षित तस्वीर, वोट से चुना जा रहा है अध्यक्ष
शिखर वाणी, भोपाल।
मध्य प्रदेश में सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ ने स्वार्थों के कारण उजड़ते मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के लिए एक नई प्रेरणा का उदाहरण प्रस्तुत किया है। सरकार ने जरूर इस संगठन को मान्यता न दी हो लेकिन उन मान्यता प्राप्त संघों के लिए इन गरीब कर्मचारियों का संगठन एक समरसता का प्रतीक बन रहा है। इस संगठन के बीच विकसित होती लोकतंत्र की तस्वीर यह बता रही है। इन दिनों सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ की जिला कार्यकारिणी का निर्वाचन हो रहा है। यह चुनाव उन मान्यता प्राप्त कर्मचारी संघों की तरह नहीं हो रहा है। जो बंद कमरों में तालियां बजाकर एक ही मठाधीश या अपने चहेते को माला पहनकर अध्यक्ष चुन लेते हैं। सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ में बाकायदा मतदान हो रहा है। जिसको ज्यादा मतदान मिल रहा है उसी को अध्यक्ष पद की कुर्सी पर आसीन किया जा रहा है। अभी करीब एक दर्जन जिलों में इस प्रक्रिया से चुनाव हुए हैं। संगठन का कहना है कि प्रदेश के सभी 52 जिलों में इसी प्रकार की लोकतांत्रिक प्रक्रिया से अध्यक्ष चुने जाएंगे। इसके बाद ऐसे ही सिस्टम में प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन किया जाएगा।
वोट से चुनाव होंगे तो समाज में बेहतर संकेत जाएगा : कुंवर बीएस चौहान
मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के स्टेट प्रेसिडेंट कुंवर बीएस चौहान का कहना है कि जब किसी भी संघ में पदाधिकारी तैयार किए जाते हैं तो उन पर मर्जी नहीं थोपी जा सकती है। या फिर अपने किसी निजी स्वार्थ के कारण किसी नजदीक को पद नहीं दिया जा सकता है। इस कारण वोट से चुनाव की प्रक्रिया इस संगठन में शुरुआती दौर से चली जा रही है। बीएस चौहान का कहना है कि जिसको हमारा कर्मचारी पदाधिकारी वोट से अध्यक्ष बनाएगा। वही सभी को मान्य होगा। उन्होंने कहा कि यह निर्भीक व्यवस्था हमें निकट भविष्य में अनेक फायदे पहुंचाएगी। उन्होंने बताया कि जिलों में कर्मचारी पदाधिकारी बोट से अपना अध्यक्ष चुन रहे हैं। श्री चौहान का कहना है कि प्रदेश स्तर के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों के चुनाव भी इसी प्रक्रिया के तहत संपादित कराए जाएंगे।
लोक निर्माण सहित विभिन्न विभागों में दैनिक वेतन भोगियों का हो नियमितीकरण
भोपाल। लोक निर्माण के अधीन संचालित राजधानी परियोजना में लंबे समय से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने अपने नियमितीकरण की मांग उठाई है। इस संदर्भ में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। इसमें मांग की गई है कि तत्काल उनके साथ न्याय हो। मध्य प्रदेश स्थाई कर्मचारी संघ प्रदेश महामंत्री घनश्याम बैरागी के अनुसार प्रदेश के मुख्य मंत्री डाँ, मोहन यादव से अपील की है कि वह राजधानी परियोजना प्रशासन के अलावा समस्त विभागों को कडे निर्देश दिये जायें कि वह दैनिक वेतन भोगी , स्थाई कर्मचारियों को विभाग के रिक्त पदों पर प्राथमिकता के आधार पर नियमित नियुक्त की जाये, इसके सांथ ही मंत्रालय स्तर पर संविदा नियुक्त पर बंद की जाये, एंव मंत्रालय मे चतुर्थ वर्ग पर संविदा आधार पर की जाने नियुक्ति पर तत्काल रोंक लगाते हुये मंत्रालय मे चतुर्थ श्रेणी के पदों पर समस्त विभाग मे कार्यरत दैनिक वेतन भोगी स्थाई कर्मियों को ही प्राथमिकता देते हुये संविदा प्रथा पर शीघ्र रोंक लगाई जाकर मंत्रालय मे चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियमितकरण कराया जाकर नियमित नियुक्त की जाये।