समर्थकों के लिए पूरी ताकत से लड़ रहे हैं सिंधिया

भोपाल। विशेष प्रतिनिधि । कांग्रेस से भाजपा में आये और पार्टी में समाति हो गये राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों को पार्टी में शक्कर की भांति घुलवाने के लिए पूरी ताकत से समायोजिन पर काम कर रहे हैं। अपने एक दिन के प्रवास के समय उनका एजेंडा कमोवेश इसी बात पर केन्द्रीत रहा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उनकी मुलाकात के बाद हारे हुए मंत्रियों की निगम मंडल में नियुक्ति की अटकल लगी तो संगठन के सभी क्षेत्रों में उनका मेलजोल भी इसी दिशा को बताने के लिए पर्याप्त है। संघ कार्यालय में सिंधिया  का जाना भी उनके अपने साथियों सहित भाजपाई होने का प्रमाण है।
कई बार सवाल उठता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया सरकार बनवाने की पूरी राजनीतिक कीमत वसूल रहे हैं? यह उतना ही कटु भी है क्योंकि चलती सरकार को गिराना और बदले में कुछ भी नहीं पाना राजनीति में असंभव सी बात है। लेकिन सिंधिया जिस शालीन तरीके से राजनीति कर रहे हैं उससे वे अधिक पा लेने के बाद भी आलोचनाओं और चर्चा में नहीं आ पा रहे हैं। अब सिंधिया अपने चुनाव में हारे मंत्रियों के लिए लाल बत्ती का जुगाड़ करना अपनी प्राथमिकता में मान रहे हैं।

एक दिन के भोपाल प्रवास का विश£ेषण करने पर यह समझ में आता है कि सिंधिया एक दिन में जितना अधिक से अधिक मिल सकते थे। मिले। सभी क्षेत्रों का कवर करने का प्रयास किया। प्रदेश अध्यक्ष के यहां सुबह का भोजन और पंडित गोपाल भार्गव के यहां रात का भोजन हुआ मतलब ब्राह्मण लागी को संभालने का प्रयास किया। भूपेन्द्र सिंह से मुलाकात और मुख्यमंत्री से सभी समीकरणों पर चर्चा ने सिंधिया के समझदार नेता के रूप में पेश किया है। संघ कार्यालय में जाकर अपने बदलाव के संदेश को भी वे देना नहीं भूले। लेकिन एक चूक हो ही गई कि संघ कार्यालय में किससे मिलना है इसका उल्लेख कोई नेता नहीं करता। यह नया होने का प्रमाण है।

सिधिंया ने अपने समर्थकों को यह जताने का प्रयास किया है कि वे चाहे भाजपा के रंग में रच बस गये हैं इसके बाद भी समर्थन देने की कीमत जो चुकाई है उसका नुकसान नहीं होने देंगे। जैसा कि समाचार मिल रहा है मोदी मंत्रीमंडल का विस्तार अब जल्द होना है। सिंधिया को उसमें शामिल किया जाना है। मुख्यमंत्री निवास के सूत्रों का कहना है कि सिंधिया का मंत्री बनना तय है इसीलिए वे विदेश दौरे से जल्द आ गये हैं। भाजपा की रणनीति के तहत ही अब सिंधिया की भाजपा के लिए सक्रियता काफी अहंम होने वाली है। वह प्रदेश में भी और देश में खास रहेंगे।

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