लॉकडाउन के बाद ऑटो कंपनियों की नजर गांवों पर

मुंबई। कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन से ऑटोमोबाइल कंपनियों को बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इन कंपनियों की अप्रैल में कोई बिक्री नहीं हुई। मारुति सुजुकी, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और हीरो मोटोकॉर्प जैसी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए आगामी महीनों में भी शहरों में डिमांड बहुत कम रह सकती है। इस वजह से ये कंपनियां ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक बिक्री करने की तैयारी कर रही हैं। महिंद्रा फाइनेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर रमेश अय्यर ने कहा ‎कि  वर्तमान स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रोथ शहरों की तुलना में अधिक होगी। शहरों से वापस आए प्रवासी श्रमिकों को आमदनी के एक वैकल्पिक स्रोत की जरूरत होगी और इससे थ्री व्हीलर्स, पिकअप और लाइट कमर्शल वीइकल की ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री बढ़ सकती है। ऐसे बायर्स के लिए फाइनेंस कंपनियां अधिक लोन देने के साथ ही इसे चुकाने की अवधि बढ़ाने पर भी विचार कर रही हैं। गांवों में लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसरों की जरूरत होगी। यह विशेष तौर पर उन कंपनियों के लिए एक अच्छी स्थिति हो सकती है, जिनके डीलर्स दूर-दराज के क्षेत्रों में भी मौजूद हैं। मारुति सुजुकी ने पिछले 7-8 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पहुंच काफी बढ़ाई है। इन क्षेत्रों में कंपनी की बिक्री 2008 में 6-7 फीसदी से बढ़कर 2019 में 39 फीसदी पर पहुंच गई थी। मारुति सुजुकी के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव ने हाल ही में कहा था कि गांवों में कोरोना वायरस का असर कम है और यह उन कंपनियों के लिए ग्रोथ का अच्छा मौका है, जिनकी इन क्षेत्रों में पहुंच है। ‎विशेषज्ञों का कहना है कि आमतौर पर शहरों में मिलने वाली आमदनी गांवों तक पहुंचती है, लेकिन इस वर्ष ऐसा होना मुश्किल है।

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