रेत खनन की सीबीआई जांच की मांग पर नोटिस

भोपाल। [विशेष प्रतिनिधि] पांच राज्यों में रेत के वैध और अवैध खनन में पर्यावरण का ख्याल न रखने के कारण एक पर्यावरण प्रेमी एम अलगरस्वामी ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार, पर्यावरण मंत्रालय सीबीआई और पांच राज्यों को नोटिस जारी किया है। यह माना जा रहा है कि कांग्रेस शासित राज्य पंजाब और मध्यप्रदेश इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को स्वीकार करने के लिए सुको का कह ससकते हैं। वैसे भी रेत के व्यापार से जुड़ा मामला न्यायालय में जाने को ही राजनीति का बड़ा घोटाला कहा जा सकता है।
मध्यप्रदेश के बारे में एक चर्चा है कि  रेत की अवैध खनन का नेटवर्क वही काम कर रहा है लेकिन उसके संरक्षक बदल गये हैं। पहले यह माना जाता था कि  पूर्ववर्ती सरकार के करीबी और अब यह माना जाता है कि वर्तमान सरकार के दमदार नेता को वह काकस मिल गया है। पर्यावरण का ध्यान रखने के कारण एम  अलगरस्वामी ने एक याचिका दायर की है। इसके बाद पंजाब, मध्यप्रदेश, आन्ध्र तमिलनाडु और महाराष्ट्र को नोटिस जारी किया गया है। केन्द्र सरकार और पर्यावरण विभाग को भी नोटिस जारी किया गया है। इस याचिका में इस सारे मामले की जांच कराने के लिए सीबीआई को आदेशित करने की मांग की गई है इसलिए सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को भी नोटिस जारी किया है। महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जिसमें भाजपा की सरकार है। पंजाब और मध्यप्रदेश कांग्रेस शासित हैं जबकि मध्यप्रदेश में रेत का मामला सबसे गरम रहा है लेकिन नई सरकार को बने 220 दिन ही हुये हैं। ऐसे में दोनों पार्टियां लपेटे में आ सकती हैं।
पिछले दिनों से समाचार पत्रों में यह खबर प्रदेश की नदियों को लेकर बराबर आ रही है। चंबल की नदियों की बात हो या फिर सोन नदी की बात हो। सोन नदी तो विधायकों को बदलने तक में सहयोग कर रही है। अब नर्मदा सहित रेत के खनन के मामले में कर चोरी के साथ पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। मध्यप्रदेश को लेकर शिखर वाणी ने भी समाचार प्रकाशित किया था कि यहां मछलियों के प्रजनन के समय में रेत का अवैध खनन हो रहा है। एनजीटी ने भी इसका आदेश दिया था। लेकिन सब काम यथावत चल रहा है। अब सर्वोच्च न्यायालय का नोटिस आस है।

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