रंजना बघेल की आनंद राय को खरी-खरी
भोपाल।( विशेष प्रतिनिधि)। सरकारी सेवा में कार्यरत लेकिन व्यापम मामले में व्हीसल ब्लोअर की भूमिका निभाकर प्रसिद्ध हुए डॉ आनंद राय ने बैठे ठाले आफत मोल ले ली। उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट पर पूर्व मंत्री व भाजपा नेता श्रीमती रंजना बघेल को लेकर एक पोस्ट लिख डाली। जिसमें रंजना अगले चुनाव में जयस का समर्थन करेंगी लिख दिया। इससे नाराज रंजना बघेल ने डॉक्टर को जूते से पीटने की चेतावनी देते हुए रात में उनके घर धमक गई। अब आनंद राय सोशल मीडिया के माध्यम से माफी मांग कर जान छुड़ाने में लगे हैं।
यह कहावत तो सुनी ही होगी कि आ बैल मुझे मार। लेकिन पहली बार यह देखने में मिल रहा है कि कोई बेल के सींग पकड़कर मारने की दावत दे रहा हो। डॉ आनंद राय बड़बोले किस्म के व्यक्ति के रूप में ख्याति प्राप्त कर रहे हैं। वे व्यापम मामले में सरकार से भिड़ गए उसका प्रभाव अच्छा रहा। लोगों उन्हें पसंद करने लग गए। वे इस पसंद को संभाल नहीं पाए और विवादों को जन्म देने में लग गए। इसी प्रकार का एक विवाद भाजपा की नेता और पूर्व मंत्री रंजना बघेल को लेकर उन्होंने पैदा कर दिया। फेसबुक पोस्ट पर लिख दिया कि श्रीमती रंजना बघेल आने वाले चुनाव में जयस का समर्थन करेंगी? यह बात राजनीतिक रूप से रंजना के लिए बहुत घातक हो सकती है, इसलिए विरोध स्वाभाविक होना था। लेकिन इतना तीव्र विरोध होगा इसकी कल्पना आनंद राय को भी नहीं थी।
श्रीमती रंजना बघेल ने एक वीडियो जारी कर डॉ आनंद राय को न केवल चेतावनी दी बल्कि जूते मारने की धमकी भी दे डाली। उसके बाद रंजना आनंद के घर पहुंच गई और वहां उन्होंने विनम्रता से बात करने की बात कहते हुए प्रवेश करने का प्रयास किया। कहा जाता है कि आनंद राय घर में छुप गए और अपनी पत्नी को सामने कर दिया। इस जद्दोजहद का वीडियो भी जारी हो गया। डरे से डॉक्टर आनंद राय ने सोशल मीडिया पर रंजना बघेल से माफी मांग ली। अपेक्षा की जाती थी कि मामला शांत हो जाएगा लेकिन राजनीतिक चरित्र हत्या का यह मामला शांत होता दिख नहीं रहा है। रंजना बघेल ने कहा माफी सोशल मीडिया से मांगी है मुझसे नहीं। वे तय करेंगी कि उन्हें क्या करना है? इससे मामला सुलगता हुआ तो दिख रहा है।
हालांकि बातें इतनी फैल चुकी हैं। राजनीतिक लाभ हानि के समीकरण बन चुके हैं। इसलिए प्रशासन तंत्र और राजनीतिक हस्तक्षेप से यह मामला पटाक्षेप की तरफ पहुंच रहा है। एक-दो दिन में वह परिणाम भी सामने आ सकता है। लेकिन इससे इतना जरूर स्पष्ट हो गया बड़बोला पन कब जूते पड़वा दे पता नहीं।