यूपी में भाजपा को भरोसा होगी बल्ले-बल्ले

नई दिल्ली (विशेष प्रतिनिधि)। पांच राज्यों की चुनाव प्रक्रिया पूरी हो गई। यूपी में अन्तिम चरण का मतदान होते ही एक्जिट पोल दिखाने का ऐसा दौर चला कि भाजपा मानने लग गई कि उसकी तो बल्ले-बल्ले हो गई। अधिकांश सर्वे यूपी में भाजपा की सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। हालांकि मतदाता का जनादेश क्या है वह तो दस मार्च को ही पता चलेगा लेकिन यह अनुमान लग जाता है कि चुनाव परिणाम किस दिशा में जाने वाले हैं। हालांकि दो सर्वे यूपी में अखिलेश यादव की सरकार बनाने की दिशा में भी संकेत दे रहे हैं इसके बाद भी यह धारणा अधिक क्षेत्रों में है कि यूपी में सरकार भाजपा की ही बनने जा रही है। ऐसा हुआ तो 30 वर्ष के राजनीतिक इतिहास में पहली बार होगा कि दूसरी बार किसी बहुमत वाली सरकार को फिर से जनादेश मिला हो। उत्तराखंड का मिजाज भी कमोवेश ऐसा ही है लेकिन पंजाब में कांग्रेस सरकार से हाथ धोने जा रही है। वहां आप की सरकार की संभावना अधिकांश सर्वे बता रहे हैं। मणिपुर में भाजपा और गोवा में त्रिशंकु विधानसभा के आसार बताये गये हैं। वहां विधायकों को बचाने और खरीदने का डर दिखने लग गया है।

गोवा में इस भी बार हंग विधानसभा का बोलबाला सर्वे में बताया जा रहा है। पिछले आम चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से अधिक विधायक मतदाताओं ने दिये थे। लेकिन राजनीतिक कमजोरी के चलते सरकार बनाने का दावा करने में हुई देरी से वहां भाजपा ने बहुमत जुटा लिया और सरकार बना ली। दस बार भी ऐसी ही संभावना न बने इसके लिए राजनीतिक दलों ने अपने विधायकों को बंधक बनाकर रखने का निर्णय ले लिया है। उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनने की संभावना सर्वे जता रहे हैं लेकिन भाजपा वहां सरकार में वापसी करने की तैयारी में लग गई है। पार्टी ने अपने बड़े रणनीतिकारों को राज्यों की जवाबदारी दे दी है। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को उत्तराखंड भेजा जा चुका है। वे वहां सरकार बनने तक रूकने वाले हैं। मणिपुर में सरकार भाजपा की बनने की संभावना के दावे अधिकांश सर्वे में किये गये हैं इसलिए वहां कोई अधिक खबर बनने की संभावना नहीं दिखती।

पंजाब में कांग्रेस के हाथ से सरकार जा रही है। इतनी अधिक उठापटक के बाद भी कांग्रेस दूसरे नम्बर की बड़ी पार्टी बनने जा रही है इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि यदि कांग्रेस हायकमान आरपरेशन अमरिन्द्र सिंह को सलीके से अंजाम दे देता तो वहां कांग्रेस दोबारा सरकार बनाने का रिकार्ड बनाने की स्थिति में आ सकती थी। अब पंजाब आप को सरकार बनाने का मौका देता दिखाई दे रहा है। यह नया प्रयोग है। जिससे प्रमुख राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली के बाद आप का चंडीगढ़ में मेयर बनने की संभावना बनना और अब पंजाब में सरकार बनने की उम्मीद ने कई राजनीतिक दलों की नींद उड़ा दी है। जहां दो दलीय प्रणाली है वहां आप के प्रवेश की संभावना दिखाई दे रही है।

यूपी को लेकर सबसे अधिक रूचि मतदाता की दिखाई दी है। इंडिया टू-डे का जिस प्रकार से सर्वे बता रहा है उससे तो भाजपा के प्रति अच्छा खासा रूझान दिख रहा है। चुनाव प्रचार और मीडिया रिपोर्ट में ऐसा दिखाई नहीं दिया। हालांकि ग्राउंड रिपोर्ट में यह साफ दिखाई दे रहा था कि भाजपा का अधिक विरोध करने वाले कुछ नेता भाजपा नेतृत्व को सचेत करने का काम कर रहे हैं। यूपी में भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी, पार्टी के मुखिया जगत प्रकाश नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से लगाकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों और नेताओं की पूरी फौज उतार दी थी। जिन क्षेत्रों में किसान आक्रोश का प्रभाव हो सकता था तब तक प्रधानमंत्री को प्रचार से दूर रखा। अमित शाह ने जाट नेताओं को मनाने को खुद अपने हाथ में लिया। इस प्रकार के प्रचार से जनाक्रोश भी कम हुआ और किसी क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई भी कर ली जायेगी ऐसी संभावना बनी है। आजतक का सर्वे तो यही दिखा रहा है। अनेकों ऐसे भी हैं जो भाजपा की सरकार बनने की संभावना दिखा रहे हैं जबकि देशबंधु सहित एकाध और सर्वे भी हैं तो सपा को सरकार बनाने के करीब बहुमत मिलने की बात करते हैं। यूपी की ग्राउंड रिपोर्ट देने वाले भी यह कह रहे हैं कि राम मंदिर निर्माण की आयोजन निर्बाध रूप से जारी रहे इसके लिए एक बार और योगी सरकार की जरूरत है। इसके लिए संघ के साथ संत समाज भी सक्रिय रहा है। देश की एक मात्र ताकतवर राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी भाजपा को अब यूपी से उखाडऩा अखिलेश यादव के अकेले के बस की बात नहीं है। साथ में यह भी कहना उतना ही जरूरी है कि अखिलेश के साथ भाजपा विरोध का एक बड़ा हुजुम भी दिखाई दिया जो योगी और मोदी के काम करने की समीक्षा करने की ओर संदेश देता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button