मोहन सरकार ने पेश किया श्री कृष्ण का अर्थतंत्र ग्रामीण विकास से प्रदेश विकास की योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने श्रीकृष्णा के अर्थतंत्र को स्वीकार करते हुए कुछ योजनाएं लॉन्च करने का ऐलान किया है। गाय, ग्राम और गीता इन योजनाओं का मूल सूत्रधार होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए कृषि और गोपालन आधारित इन योजनाओं के माध्यम से श्रीकृष्ण की लीलाओं का अर्थतंत्र समझते हुए विकास किया जाएगा। नगरीय क्षेत्र में गीता भवन बनाकर गीता के जीवन रहस्य से बहूत कुछ सीखने का अवसर देने की योजना भी है।

 

सुरेश शर्मा  भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने श्रीकृष्णा के अर्थतंत्र को स्वीकार करते हुए कुछ योजनाएं लॉन्च करने का ऐलान किया है। गाय, ग्राम और गीता इन योजनाओं का मूल सूत्रधार होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए कृषि और गोपालन आधारित इन योजनाओं के माध्यम से श्रीकृष्ण की लीलाओं का अर्थतंत्र समझते हुए विकास किया जाएगा। नगरीय क्षेत्र में गीता भवन बनाकर गीता के जीवन रहस्य से बहूत कुछ सीखने का अवसर देने की योजना भी है। इससे पहले बाबूलाल ग़ौर के मुख्यमंत्रीत्व काल में गोकुल ग्राम और अयोध्या बस्ती योजनाओं का ऐलान किया गया था। मोहन यादव सरकार द्वारा की गई इस नई पहल का यदि क्रियान्वयन ईमानदारी से हो जाएगा तो मध्य प्रदेश ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मामले में देश का अव्वल राज्य बन जाएगा।

खास बातें :–

  • मध्यप्रदेश में श्री कृष्ण से जुड़े चार प्रमुख स्थानों पर को विकसित करके प्रदेश में श्रीकृष्ण के चार धाम बनाए जाएंगे।
  • नगरीय निकाय में गीता भवन केंद्र बनेंगे जिसमें पुस्तकालय का निर्माण किया जाएगा।
  • पुस्तकालय में धार्मिक बुजुर्ग सामान्य पाठक और छात्रों के लिए अलग अलग व्यवस्था की जाएगी।
  • हर विकासखंड में बरसाना की तर्ज़ पर रंदा वन ग्राम विकसित किया जाएगा इसमें खेती गऊशाला और दुग्ध उत्पादन का प्रमुख केन्द्र बिन्दू रहेंगे।
  • सड़क और कांजी हाउस के स्थान पर वो शालाएँ बनायी जाएगी जिससे महसूस सोमवार धन का कार्य होगा।
  • इन योजनाओं के माध्यम से कृषि पशुपालन और ग्रामीण विकास पर सर्वाधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा इससे किसानों की आय दोगुना करने में भी सहायता मिलेगी।

समाचार विस्तार से :–

देश भर में कृष्ण जन्म की धूम है। समूचा देश कृष्णमय हो चुका है। मध्य प्रदेश ने सरकारी स्तर पर जन्माष्टमी मनाने के लिए विधिवत पत्र जारी किया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेश की कमान संभालते ही भाजपा के मुख्य एजेंडे श्रीराम के साथ श्रीकृष्ण को भी स्थापित करने का बड़ा संदेश दिया था। भाजपा ने भी देश की यादव पॉलिटिक्स की काट के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव का विभिन्न राज्यों में दौरा करवाया था। अब उनके द्वारा श्री कृष्ण पर केंद्रित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से न केवल ग्रामीण विकास की धुरी तैयार की गई है राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में अखिलेश यादव को झटका देने की योजना भी बनायी है।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अशोक नगर ज़िले के चंदेरी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान श्रीकृष्ण के मध्य प्रदेश के विभिन्न शानदार भूमिका को रेखांकित करते हुए मध्य प्रदेश में श्रीकृष्ण के 4 धाम विकसित करने की योजना तैयार की गई है। सांदीपनि आश्रम, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की। नारायण दाम महिदपुर जहाँ श्रीकृष्ण की सुदामा से मित्रता हुई थी। अमझेरा धाम धार जहाँ श्री कृष्ण ने ही रुकमणी का हरण किया था तथा जानापाँव इन्दौर भगवान श्री परशुराम ने श्रीकृष्ण जी को सुदर्शन चक्र भेंट किया था। इन 4 क्षेत्रों को मिलाकर श्रीकृष्ण के चार धाम बनाने की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री ने प्रस्तुत की है। इसी प्रकार हर विकासखंड में बरसाना की तर्ज़ पर एक  वृंदावन ग्राम विकसित किया जाएगा।

इस वृंदावन ग्राम के माध्यम से ही भगवान श्रीकृष्ण के आदर्श और सिद्धांतों का प्रचार प्रसार किया जाएगा। वृंदावन गाँव में 60 फ़ीसदी खेती गौशाला संचालन और दुग्ध उत्पादन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। दुग्ध उत्पादन के माध्यम से किसानों की आय दोगुना करने की योजना को भी है सफलता मिलेगी। हर नगरीय निकाय में एक गीता भवन केन्द्र भी बनेगा। इसमें पुस्तकालय, पार्किंग और कैफेटेरिया होगा। गीता भवन ऐसी जगह बनेंगे जहाँ लोग पैदल चलकर भी पहुँच सकें। इस गीता भवन में बुजुर्गों, सामान्य लोगों व छात्रों के लिए अलग अलग रीडिंग रूम बनाए जाएँगे। 10 गायों से अधिक गाय पालने वाले गौ पालकों को सरकार अनुदान देगी। उनके यहाँ से दूध ख़रीदने के अलावा सरकार उन्हें अनुदान भी देगी। खरड़ और कांजी हाउस के स्थान पर अब गोशाला नहीं बनायी जाएंगी।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए जिस प्रकार की वृहद योजना तैयार की है और इस कृषि आधारित, पशुपालन वाले ग्रामीण अर्थतंत्र को विकसित करने में भगवान श्रीकृष्ण के मूल सिद्धांतों का पालन किया जाएगा। सरकार के स्तर पर यह भी तय हुआ है कि श्री कृष्ण के आदर्शों को आम जन तक पहुँचाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं तैयार की जाएंगी। हम अब इन योजनाओं की सफलता का दारोमदार उन प्रशासनिक अधिकारियों पर रहेगा जिन्हें फिल्ड में इन योजनाओं के क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी दी जाएगी। हालाँकि सरकार की ओर से ये नहीं बताया गया कि इन योजनाओं का प्रारंभ का कब होगा और एक कब तक मूर्त रूप ले लेंगी? विपक्ष की ओर से योजनाओं की प्रशंसा तो की गई है साथ में इतना ही कहा गया है कि राम पथ गमन योजना का आज तक कुछ नहीं हुआ है? तब ऐसी स्थिति में सरकारी स्तर पर श्रीकृष्ण के चारधाम की योजना का सफल क्रियान्वयन कैसे हो पाएगा? इन सबके बाद भी जिस प्रकार की योजनाएं रेखांकित की गई है उनसे ग्रामीण विकास बहुत तेज़ी से होगा यह मानने में किसी को कोई गुरेज़ नहीं है।

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