मोदी राजः भारत उत्कर्ष के आठ वर्ष
नरेन्द्र भाई मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में मात्र आठ साल में देश को जो कुछ दिया है, वह स्वाधीन भारत में कई मायनों में अतुलनीय है। किसी अन्य प्रधानमंत्री के कार्यकाल में भारत इतना कभी नहीं बदला। विचार को जमीन पर उतारकर संकल्प-सिद्धि करने वाला प्रधानमंत्री भारत की जनता ने इससे पहले नहीं देखा। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि भारत ने इन आठ वर्षों में अपने पुराने मर्जों का इलाज भी किया है और उस गौरवशाली अस्मिता को दोबारा हासिल कर सका है, जिसकी उसे प्रतीक्षा थी। भारत के प्रति विश्व की दृष्टि में भी आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। दुनिया के कोने-कोने में रहने वाले लाखों भारतीय इसका प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं। भारत की लोकशक्ति का सामर्थ्य अब दुनिया सहज स्वीकार रही है। उसे पता है कि भारतीय लोकतंत्र को एक ऐसा चमत्कारिक नेतृत्व मिला है, जिसकी कार्यशैली ने भारतीयों के आत्मविश्वास को नयी ऊँचाई दी है। कोरोना की वैश्विक चुनौती से जब बड़ी-बड़ी शक्तियाँ सहम गयीं, तब भारत का प्रधानमंत्री अपनी 130 करोड़ जनता की जान बचाने के लिए न केवल कड़वे फैसले ले रहा था बल्कि संकट के स्थायी निदान के लिए वैज्ञानिकों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ा था। केन्द्र सरकार ने वैक्सीन आने के बाद इतनी बड़ी आबादी को अत्यंत सहज शैली से मुफ्त टीकाकरण का ऐसा ड्राइव चलाया कि समूचा विश्व चकित रह गया। कोविड के दौरान वंदे भारत मिशन और यूक्रेन में ऑपरेशन गंगा भी मोदी जी की दृढ़ता के प्रमाण हैं।
सामरिक दृष्टि से पिछले आठ सालों में भारत की साख बढ़ी है। मोदी युग में देश ने आतंकवादियों को उनकी माँद में घुसकर जवाब देकर अपनी संप्रभुता को नयी परिभाषा दी है। बालाकोट एयर स्ट्राइक हो, कैप्टन अभिनंदन की वापसी हो या फिर डोकलाम में चीनी फौज को मुँहतोड़ जवाब, भारत के बदलते हुए तेवर को सारी दुनिया ने देखा और उसका सम्मान भी किया है। मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना की कार्यशैली को नयी धार मिली है तो देश में गुड गर्वनेंस के क्षेत्र में अद्वितीय मानदंड स्थापित हो रहे हैं। मोदी सरकार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आनलाइन तंत्र खड़ा किया गया है। कभी कहा जाता था कि गरीबों के लिए दिल्ली से एक रूपया भेजा जाता है तो मात्र 15 पैसे ही पहुँचते हैं। मोदी की इच्छाशक्ति ने यह कहानी पलट दी है और आज एक-एक पैसा गरीबों के खाते में जाता है। किसानों की निधि सीधे उनके खाते में जाती है। यह परिवर्तन बीते आठ साल में हुआ है और इस प्रकार पार्टी का अन्त्योदय का संकल्प पूरा हो रहा है। समाज के निचले पायदान पर बैठे नागरिक को उसका पूरा हिस्सा मिले, इसकी व्यवस्था मोदी सरकार के गुडगर्वनेंस से सफल हुई है।
सर्वविदित है कि सात दशक तक गरीबी उन्मूलन की खूब बातें हुईं लेकिन गरीबों का जीवन बदलने में जिसने कालजयी भूमिका निभाई है, उसका नाम नरेन्द्र मोदी है। उदाहरण के तौर पर हर गरीब के लिए मकान बनाने का सपना देखना और उसे साकार करना, यह मोदी युग के आठ सालों में ही संभव हुआ है। आप किसी भी गाँव से गुजरिए वहां बने हुए प्रधानमंत्री आवास की दीवारें गरीबों के मन की मुस्कान बयां करते हैं। किसान निधि और फसल बीमा योजना खेतों में कार्यरत किसानों की किस्मत बदल रहे हैं। रेहड़ी-पटरी पर अपना जीवन-यापन करने वाले गरीब कारोबारियों को सूक्ष्म-लघु उद्योग का दर्जा देकर उनको सम्मान सहित अवसर प्रदान किया है। गरीबों का जीवन बचाने वाला आयुष्मान कार्ड आज संजीवनी बनकर निर्धन आदमी की जेब में है, जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ा है।
उल्लेखनीय है कि मई 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद गरीबों के लिए दुनिया के सबसे बड़े वित्तीय समावेशन यानी जनधन खाता खोलने की योजना से गरीब कल्याण की शुरुआत हुई और आगे चलकर अनेक ऐसी योजनाएँ जमीन पर उतरीं, जिनका सीधा असर गरीबों के जीवन स्तर पर पड़ा। उनका जीवन बदल गया। इस क्रम में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, पीएम हेल्थ आईडी कार्ड, स्वामित्व योजना, आयुष्मान सहकार योजना, प्रधानमंत्री कुसुम योजना, स्वनिधि योजना, अन्योशपथ दय अन्न योजना, प्रधानमंत्री रोजगार योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना, रोजगार प्रोत्साहन योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना, प्रधानमंत्री कर्म योगी मानधन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना, अटल पेंशन योजना, सही पोषण देश रोशन, पीएम स्वनिधि योजना सहित कई योजनाएँ केवल सरकारी नाम नहीं हैं बल्कि गरीबों के जीवन की संजीवनी हैं। ऐतिहासिक रूप से इन योजनाओं ने 70 साल के सरकारी खानापूरी के भ्रमजाल को तोड़ कर आमजन के सपनों को साकार किया है। यही वजह है कि भारत के हर कोने में बसने वाले गरीब आदमी की आँखों में प्रधानमंत्री मोदी की छवि किसी मसीहा की तरह हैं। यह भारत की लोकशक्ति की ताकत से बनी योजनाएँ हैं, जिनके परिणाम से सारी दुनिया स्तब्ध है।
70 साल से चली आ रही समाज की अनेक समस्याओं का निदान करने में भी मोदी सरकार ने मील का पत्थर गाड़ा है। मुस्लिम समाज में सदियों पुरानी तीन तलाक की कुप्रथा पर कुठाराघात करते हुए करोड़ों महिलाओं की जिन्दगी को एक नया आयाम दिया है। कश्मीर में धारा 370 को हटाकर एक राजनीतिक भूल को सुधारा है तो राम मंदिर निर्माण की सभी रोड़े हटाकर भारत लोकशक्ति की कामना को जमीन पर उतारा है। आज अयोध्या में श्रीराम मंदिर द्रुत गति से निर्मित हो रहा है। साथ ही अयोध्या को विश्वस्तरीय नगर बनाने का काम भी हो रहा है। काशी से केदारनाथ तक भारत के आध्यात्मिक केंद्रों को एक नयी पहचान मिली है, जिन्हें पुनर्स्थापित करने में प्रधानमंत्री ने स्वयं बड़ी भूमिका निभाई। वास्तव में यह आध्यात्मिक भारत की पुनर्स्थापना के साथ-साथ नये भारत का निर्माण भी है।
लंबी प्रतीक्षा के बाद देश को नई शिक्षा नीति मिली है। भारत जैसे बड़े देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाल स्थिति का विगत आठ सालों में कायाकल्प कर दिया गया है। आयुष्मान भारत डिजिटल कार्ड के तहत 22 करोड़ हेल्थ अकाउंट खोले गये। मोदी सरकार ने 15 नए एम्स खोलकर गरीबों के लिए उच्च स्वास्थ्य सेवाओं का सौगात दी है। 2014 से पहले देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे अव 606 हैं। 16 आईआईटी थे अब 23 हैं। आईआईएम भी 13 से बढ़कर 20 हो गये। 720 से बढ़कर विवि भी 1045 हो गये। शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ी है और ब्रेन-ड्रेन रुका है।
योजनाएँ लाना और उस पर अमल करने तक सीमित न रहकर प्रधानमंत्री मोदी ने देश को स्वच्छता, स्वास्थ्य, योग की ओर उन्मुख करने में अद्भुत योगदान दिया है। 2014 के पहले देश के रेलवे स्टेशन, अस्पताल, बाजार, बस स्टैंड आदि सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी का आलम था। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान चलाकर देशभर में एक अनोखा वातावरण पैदा किया। उन्होंने देश, शहर, गांव को स्वच्छ करने के लिए बहुत बड़े स्तर पर मिशन चलाया, गांव-गांव शौचालय बनवाए गए, शहरों को स्वच्छता की कसौटी पर परखा जाने लगा। अब हर शहर, गांव स्वच्छता लोगों की आदत बन गई है। यह एक लोकप्रिय जननेता द्वारा चलाया गया ऐसा अभियान है जिससे आम नागरिक जुड़ा है। फिट इंडिया का नारा देकर मोदी जी ने देश के युवाओं को एक नई राह दिखायी है। करोड़ों युवा फिट इंडिया अभियान के कारण स्वस्थ जीवन शैली की ओर अग्रसर हुए हैं।
स्वाधीनता के अमृत महोत्सव की बेला में प्रधानमंत्री मोदी की इच्छाशक्ति से चतुर्दिक बदलाव की बयार चली है और आज देश के गाँव-गाँव तक उसकी ध्वनि सुनी जा सकती है। अब देश सुशासन, साहस, स्वावलंबन तथा आत्मनिर्भरता की उस राह पर सरपट दौड़ रहा है जो उसे उन्नति व उत्कर्ष के शिखर पर ले जाएगी।
-लेखक, लोकसभा सांसद एवं मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं।