मुकेश नायक आरिफ मसूद से भी बौने
भोपाल ( विशेष प्रतिनिधि)। मुकेश नायक कांग्रेस की राजनीति में एक बड़ा नाम है। कई बार के विधायक और शिक्षा मंत्री सहित अनेक विभागों के मंत्री रहे हैं। अच्छा धार्मिक प्रवचन देते हैं और भाषण शैली में निपुण है। ब्राह्मण समाज में उनका अच्छा खासा दबदबा है। कांग्रेस में भी उनके समर्थकों की अच्छी खासी फहरिस्त है। जब दमोह उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की तब मुकेश नायक का नाम पहली बार के मुस्लिम विधायक आरिफ मसूद के भी बाद में दर्ज किया हुआ है। अब समीक्षक सोच रहे हैं कि कांग्रेस में मुकेश नायक इतने बौने कैसे हो गए?
दमोह उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने जब अपने 30 सदस्यीय स्टार प्रचारकों की सूची चुनाव आयोग को सौंपी उसमें 18वें स्थान पर आरिफ मसूद और 19वें स्थान पर मुकेश नायक का नाम लिखा हुआ है। जो कांग्रेसी नेता केंद्र और राज्य में सरकार चला रही भाजपा में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम दसवें स्थान पर आने से बवाल काटते रहे हैं वे मुकेश नायक के नाम पर चुप हैं। मीडिया के भी उस वर्ग का ध्यान अभी इस ओर नहीं गया है जो ऐसी समीक्षात्मक खबरें देते रहते हैं।
हालांकि मुकेश नायक के भाई सतीश नायक ने हाल में ही भाजपा ज्वाइन की है। यह इस बात का प्रमाण भी हो सकता है। कांग्रेस मुकेश नायक को कमतर आंकते हुए पार्टी में दोयम दर्जे का दिखाने का प्रयास कर रही हो। हालांकि ऐसा कांग्रेस की ओर से ऐसा कोई भी कहने को तैयार नहीं है।