‘महिला’ में नेताओं को क्यों दिखाई देता है ‘माल’

सुरेश शर्मा
भोपाल।
भोपाल से लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह पिछले समय जब मंदसौर में मीनाक्षी नटराजन के चुनाव प्रचार में गये थे तब उन्होंने कहा था कि आपका प्रत्याशी सौ टंच माल है? उस बयान को लेकर खासा बवाल हुआ था। हालांकि दिग्विजय सिंह ने उसी समय कह दिया था कि उनके कथन का गलत अर्थ निकाला गया है उन्होंने शत प्रतिशत  सच कहा है। लेकिन तीर निकल गया था और राजनीति में संभावनाओं का खेल ही तो मायने रखता है। दिग्विजय सिंह के इस बयान में महिलाओं के प्रति उनके सम्मान का पैमाना देखा गया। अभी समाचार मिला है कि उनके राजनीतिक शिष्य और रिश्तेदार अजय सिंह राहुल भैया ने सांसद और अपनी प्रतिद्वंद्वी श्रीमती रीति पाठक को लेकर अपमानजनक शब्दों को इस्तेमाल किया है। पहले गुरू फिर चेले ने भी महिलाओं में माल देखने का प्रयास किया है। लेकिन इसका व्यापक प्रतिकार हुआ है। सिंगरौली जिले की इस घटना पर महां के महिला संगठनों ने अपनी नाराजगी जताई है और सोशल मीडिया पर जमकर राहुल भैया को ट्रोल किया जा रहा है। उनके बारे में भी बेमर्यादित टिप्पणी की जा रही है। चुरहट की हार का सबसे बड़ा कारण मां श्रीमती सरोज सिंह को घर से बेदखल करना था अब फिर महिलाओं का अपमान नारा बन गया।

सिंगरौली जिले के देवसर विधानसभा की एक चुनावी सभा में अजय सिंह राहुल भैया ने सांसद श्रीमती रीति पाठक को लेकर एक अमर्यादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जिसे आपने पिछली बार सांसद चुना था वह सही माल नहीं निकली। इस प्रकार की भाषा राहुल भैया की सुनकर वहां के लोग सन्न रह गये। उनके पिता अर्जुन सिंह का इस क्षेत्र में खासा प्रभाव रहा था। उनकी विरासत संभाल रहे अजय सिंह की इस प्रकार की भाषा सुनकर लोगों में चर्चा शुरू हो गई कि क्या अजय सिंह चुनाव हारने के लिए सेल्फ गोल कर रहे हैं? इसके बाद सोशल मीडिया पर अजय सिंह की खिंचाई शुरू हो गई। उनकी ओर से सफाई आने के बाद भी कोई भी ऐसे मौके को छोडऩे को तैयार नहीं है। महिला संगठन भी इस लड़ाई में कूद गये हैं। उन्होंने अजय सिंह की मानसिकता पर सवाल उठाये हैं। क्षेत्र में अजीब सा वातावरण बन रहा है और राहुल भैया की यह तीसरी हार तो नहीं लिखी जा चुकी है। वे लोकसभा सतना हारे थे, विधानसभा चुरहट से हारे थे और अब सीधी का लोकसभा चुनाव भी उनके खिलाफ सा चला गया है।

कांग्रेस के विशेष समाज के इन नेताओं की मानसिकता को लेकर पार्टी के अंदरखाने में भी नाराजगी शुरू हो गई है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि दिग्विजय सिंह भोपाल में हिन्दू आतंकवाद शब्द और एक साध्वी को उसके लिए निशाना बनने के आरोप में चुनाव में फंसे हुये हैं। अब अजय ङ्क्षसह राहुल नेता प्रतिपक्ष जैसे गंभीर पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद भी महिलाओं के प्रति ऐसी मानसिकता रखने के आरोप में उलझ गये। चुनाव में अवधारणाओं का बड़ा महत्व रहता है। महिला विरोध की अवधारण नुकसान पहुंचा सकती है। इससे पहले भी एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसमें राहुल मोबाइल देख रहे हैं और महिला नीचे बैठी समस्या बता रही है।

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