बैठकों में नहीं है बिजली समस्या का हल, अधिकारी एसी कमरे छोड़ क्षेत्र में आयेंगे तब निकलेगा हल

भोपाल। [विशेष प्रतिनिधि] कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से ही बिजली की समस्या ने आंख मिचौली शुरू कर रखी है। चूंकि दिग्विजय सिंह के काल को अंधेर युग के रूप में प्रतिस्थापित कर दिया गया था इसलिए कांग्रेस राज का मतलब कमोवेश वही निकाला जा रहा है। लेकिन विभाग के मंत्री ने बैठक में अधिकारियों को डांटा और कहा कि आप समस्या का निदान नहीं कर रहे हैं मुझे फोन ने परेशान कर रखा है। तब एक ही विकल्प है अधिकारी एसी कमरे से निकल कर मैदान में आये औी लगे की समस्या का समाधान निकाल रहे हैं। बैठकों से कुछ नहीं होने वाला।
कमलनाथ सरकार का एक ही दस्तूर दिखाई दे रहा है। किसी भी समस्या का ठीकरा भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार पर फोड दिया जाये। इससे काम नहीं चलता हो तो विषय में घोटाला बता दिया जाये। बिजली के मामले में ये दोनों ही प्रयोग जनता के बीच नहीं चल पाये तो अब मंत्री प्रियवृत सिंह बैठकों तक आये हैं। उन्होंने अधिकारियों को डांटा और कहा कि आप समस्या को संभाल नहीं पा रहे हैं लोग फोन कर करके मेरी हालत खराब किये हुये हैं।
अधिकारियों की नियुक्ति व्यवस्था इतनी खराब है कि बैठक में पता चला कि चांदबड़ में बैठकर कोलार का नियंत्रण किया जा रहा है। अधिकारियों को मैदान में उतार दीजिये उन्हें गर्मी का एहसास होगा तो समस्या के समाधान में वे गति लायेंगे। ये जनता के सेवक होते हैं। इसलिए बैठक समस्या का हल नहीं हो सकता।
फिर भी अब जब मौसम में बदलाव की स्थिति बन रही है बिजली को लेकर सरकार की कसरत तेज हो रही हैं। वे जनता के आक्रोश को बदाने के लिए ऐसी कसरत कर रहे हैं। वैसे भी सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ सरकार के प्रति जनता की आशा उनके पदभार ग्रहण के समय जितनी तीव्र थीं वे अब आधी भी नहीं रही। अब उन्हें प्रदेश को छिन्दवाड़ा पर ले जाने का माडल पेश करना चाहिए।

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