बीसीसीआई लोकपाल से मिले सचिन और लक्ष्मण, 20 मई को अगली सुनवाई
नई दिल्ली। हितों के टकराव मामले में महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर और वीवीएस. लक्ष्मण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लोकपाल डी.के. जैन से मिले हैं। अब इस मामले को 20 मई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। 20 मई को हालांकि तेंडुलकर का उपस्थित होना अनिवार्य नहीं होगा। इन तीनों के ही क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का अध्यक्ष रहते आईपीएल टीमों का मेंटर बनने पर सवाल उठाये गये हैं।
तीनों की सीएसी ने 2016 और 2017 में भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया था। यहां तक की प्रशासकों की समिति (सीओए) ने महिला टीम के मुख्य कोच को नियुक्त करने को लेकर इन तीनों को ज्यादा समय भी नहीं दिया था। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह बेहद दुख की बात है। मौजूदा हालात में तीनों दिग्गजों को लोकपाल के सामने जाने को मजबूर किया गया। सीओए ने भारतीय क्रिकेट के इन तीन दिग्गजों की सेवाओं को पूरी तरह से उपयोग भी नहीं किया।’
बीसीसीआई के नए संविधान के मुताबिक, जो शख्स पांच साल तक किसी क्रिकेट समिति का हिस्सा रहा होगा वह भविष्य में कोई और समिति का हिस्सा नहीं बन पाएगा। इस नियम की मानें तो सीएसी जो 2015 में नियुक्त की गई थी उसके पास सिर्फ एक साल का समय है। इसके बाद सचिन, गांगुली और लक्ष्मण किसी भी क्रिकेट समिति का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। एक और बुरी बात यह है कि इस तिगड़ी को जब सीएसी के सदस्यों के तौर पर 2015 में चुना गया था तब इन पूर्व खिलाड़ियों को लाने का मकसद यह था कि राष्ट्रीय टीम का प्रदर्शन सुधारा जाए और साथ ही भारत को विश्व में सर्वश्रेष्ठ टीम बनाने के लिए रोडमैप तैयार किया जाए, लेकिन बीते चाल साल में इस समिति ने आधिकारिक तौर पर सिर्फ कोच नियुक्त करने का काम किया है।