बंगाल चुनाव के बाद हिंसा भाजपा ने की ममता की घेराबंदी
चुनाव में एक नारा चला था अब खेला होबे। चुनाव के बाद यही बात सामने आ रही है अब हिंसा होबे। ज्योंहि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आए पूरे राज्य में अराजकता की स्थिति निर्मित हो गई। आगजनी हिंसा के बाद मौतों का सिलसिला शुरू हो गया। अभी तक 11 भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है। यह सिलसिला थमता दिख नहीं रहा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कल शपथ ग्रहण करेंगी, लेकिन उनके एक बयान ने हिंसा को सहारा दिया है। टीएमसी के नेता अपने बचाव में भाजपा पर ही हिंसा भड़काने का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में सरकार प्रायोजित हिंसा के कारण बंगाल में भारत विभाजन के समय हुई हिंसा जैसी स्थिति निर्मित हो रही है। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इसी प्रकार के आरोप लगाए हैं। वे प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय तथा भूपेंद्र यादव के साथ 3 दिन के दौरे पर कोलकाता पहुंच गए हैं। वे मृतक परिवारों से मुलाकात कर सहानुभूति व्यक्त करेंगे। कोलकाता हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए नड्डा ने कहा कि हम लोकतांत्रिक तरीके से इस जंग को लड़ने के लिए तैयार हैं।
पश्चिमी बंगाल वैसे भी हिंसा और चुनावी हिंसा के मामले में पहले से ही कुख्यात रहा है। ममता बनर्जी के 10 साल के कार्यकाल में हिंसा की राजनीति बराबर होती रही है। यह पहला अवसर है जब चुनाव के बाद वामपंथी और कांग्रेस सदन में नहीं होंगे। भाजपा और टीएमसी के बीच लोकतांत्रिक तरीके से होने वाले जंग के साथ ही अब सड़कों पर आंदोलन की गतिविधियां भी तेज हो जाएंगी। ऐसे में टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने हिंसा, आगजनी और मौतों का तांडव दिखाकर भाजपा के कार्यकर्ताओं को डराया जा रहा है। अचरज की बात यह है कि देशभर में असहिष्णुता और हिंसा के खिलाफ बोलने वाला एक समूह बंगाल की हिंसा पर चुप है। विपक्षी दल भी इस मामले में मौन साधे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल की हिंसा पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ से फोन पर बात की। कानून व्यवस्था पर प्रधानमंत्री ने चिंता व्यक्त की है। भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने बीजेपी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल करके हिंसा की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। अब न्यायालय में भी यह मामला चला गया। सड़कों पर भाजपा आंदोलन की तैयारी कर रही है। केंद्र की सरकार बंगाल सरकार के इस रवैया पर सख्त नजर आ रही है। ऐसे में हिंसा के खेला पर अब राजनीतिक खेला होने की भरपूर संभावना है।