‘प्रियंका’ का एलान पंजाब के बिना यूपी में ‘बेमानी’

भोपाल (सुरेश शर्मा)। गाहे-बगाहे टीवी चैनल वाले यह दिखाने और बताने का प्रयास करते हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस नेता ने  मध्यप्रदेश और राजस्थान में किसानों की 2 लाख रुपयों तक की कर्जमाफी का एलान करते दिखते हैं। वे किसानों को कहते हैं कि आप हमारी सरकार बनवाईये हम दस दिन में कर्ज माफ करेंगे। इसके बाद वे गिनती गिनते हैं दस तक पहुंचते हैं। फिर राहुल गांधी कहते हैं कि यदि दस दिन में कर्जमाफी नहीं हुई तो मुख्यमंत्री बदल दिया जायेगा? न तो कर्जमाफी हुई और न ही कहीं मुख्यमंत्री ही बदला गया। राजस्थान में युवा बनाम वृद्ध का विवाद है। मध्यप्रदेश में सरकार गिर गई क्योंकि यहां चलो चलो वाले मुख्यमंत्री बन गये थे। छत्तीसगढ़ में भी कमोवेश यही हालात हैं। इसलिए राहुल गांधी पर राजनीतिक रूप से भरोसा किसानों का डगमगा गया? अब प्रियंका वाड्रा का यूपी में एक नया प्रयोग शुरू हुआ है। प्रियंका ने कहा है कि वे चूंकि यूपी की प्रभारी हैं इसलिए यूपी में महिलाओं को 40 प्रतिशत तक टिकिट दी जायेंगी। एक राष्ट्रीय प्रवक्ता महोदया उनके साथ थीं जिन्होंने इसे ऐतिहासिक घोषणा बताया लेकिन यह घोषणा यूपी के बाहर नहीं मान्य होगी। मतलब यह कांग्रेस पार्टी का नीतिगत निर्णय नहीं राजनीतिक निर्णय है। बिना पंजाब के महिलाओं को इतनी टिकिट देने का क्या मतलब? सब बेमानी है।

 गांधी परिवार कांग्रेस का सर्वेसर्वा है यह सबको पता है लेकिन यह बताने की हर बार जरूरत क्या है? यूपी में महिलाओं का 40 प्रतिशत टिकिट विधानसभा में दी जायेगी यह घोषणा कांग्रेस की नहीं प्रियंका वाड्रा की हैं। कर्जमाफी राहुल कर रहे हैं कांग्रेस नहीं। यूपी की राजनीतिक स्थितियों को देखें तो कांगे्रस का संगठन वहां सबसे कमजोर है। पार्टी की चौथे स्तर की राजनीतिक हैसियत है। दो क्षेत्रीय दल सपा और बसपा उससे आगे हैं। विधानसभा में महज पांच सदस्य कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐेसे में नंगा नहायेगा क्या और निचौड़ेगा क्या? लेकिन यह संभावना देखने वालों की कमी नहीं है कि प्रियंका का एलान मास्टर स्ट्रोक होगा। इसमें मास्टर क्या होगा यह समझना जरूरी है? महिलाएं उनके इस एलान का समर्थन करेंगी? भगवान श्रीराम का मंदिर अयोध्या में बनना शुरू हो गया है। महिलाएं उसको पूरा कराने के लिए योगी का साथ देंगी या श्रीराम का अस्तित्व न मानने वाली प्रियंका की पार्टी कांग्रेस को। फिर ऐसा मानने वालों की संख्या भी कम नहीं है जो कहते हैं कि कांग्रेस इसे नेशनल नीति बनाकर घोषणा करेगी तभी यह प्रभाव डाल पाएंगी।

देश का मतदाता मुफ्तखोर मानसिकता से मतदान करता है। कम से कम विधानसभा के चुनाव में तो करता ही है। केजरीवाल को दिल्ली में दोबारा सरकार देने के पीछे उनकी मुफ्त वाली घोषणाएं हैं। पंजाब में भी वही काम करती दिख रही हैं। कांग्रेस की कर्जमाफी वाली घोषणा ने तीन राज्यों में भाजपा का धूल चटा दी थी। लेकिन क्रियान्वयन का विश्वास भी कोई बात होती है। मतदाता मुफ्त का माल तो चाहता है लेकिन उसे सच में कौन दे पाएगा इसकी पहचान भी तो उसे है ही। इसलिए प्रियंका का मास्टर स्ट्रोक अपना प्रभाव दिखा पाएगा इसको लेकर किन्तु परन्तु जरूर लग रही है। हां यह हो सकता है कि इसकी आड़ में कांग्रेस यूपी की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव जरूर लड़ सकती है?

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