प्रदेश में पर्यटन व कल्चर की असीम संभावनाएं देख रहे है पटेल

भोपाल। [विशेष प्रतिनिधि] केन्द्र सरकार में पर्यटन और संस्कृति राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार प्रह्लाद पटेल अपने संक्षिप्त प्रवास पर भोपाल आये। सदस्यता अभियान की बैठक में शामिल होने के बाद मंत्री पटेल पर्यटन विभाग के होटल में चले गये। लेकिन उनका स्वभाव जिस प्रकार का है वे उसमें अधिक समय तक नहीं रूक पाये और अपने विधायक भाई के बंगले पर ही आ गये। समर्थकों से मिलने के दौर में हम भी वहां पहुंच गये और बहुत ही अन्तरंग बातचीत हुई। लेकिन एक बात ने हमारे मन को छुआ कि वे इन सभी बातों के बीच में भी अपने विभाग की योजनाओं की बात करने से नहीं चूके। उनकी रूचि को देखकर लगा कि वे प्रदेश में पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में बहुत कुछ करना चाहते हैं। यह प्रदेश की सरकार पर निर्भर करेगा कि वह कितना कुछ ले पाने की स्थिति में होगी।
हम यहां इस विषय को साथ में नहीं देख रहे हैं कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने पिछले दिनों राजनीतिक कारणों से उनके पुत्र को एक मामले में फंसाने का प्रयास किया है। यह आरोप पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही लगाया है। प्रह्लाद पटेल का कहना है कि जो काम न्यायालय को तय करना है उसमें हम क्यों अधिक दिमाग लगाये। वे तत्काल ही बातचीत में विभाग पर आ गये। उनका कहना है कि उनका विभाग मीडिया के साथ तालमेल करके चलने वाला विभाग है क्योंकि संभावनाएं कहीं से भी आ सकती हैं। लेकिन उन्होंने पहले बार में सहज भेंट के बाद पत्रकारों से कह दिया है कि वे कुछ करके आपसे विधिवत बात करेंगे अभी तो पद ग्रहण तक ही सीमित रहें।
भोपाल प्रवास के दौरान जब प्रदेश के कुछ जनप्रतिनिधियों ने मंत्री के रूप में प्रह्लाद पटेल से बात की तो उनकी रूचि इस बात में साफ दिखी कि आपके क्षेत्र में प्राचीन और सांस्कृतिक महत्व की कितनी धरोहर हैं? वहां क्या काम किया जा सकता है? पर्यटन के क्षेत्र कितने हैं क्या कोई और नया स्थान पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है? खरगोन के सांसद ने इसमें महत्वपूर्ण रूचि दिखाई। पटेल अल्हड स्वभाव के हैं। मस्त हैं। किसी को निराश नहीं करते लेकिन कोई गलत काम के लिए उनके पास खड़े होने का सहास भी नहीं दिखा सकता है। उनकी यह ईमानदार छवि और साफगोही उन्हें पद से कई वर्षों तक दूर करती रही। लेकिन अमित शाह और नरेन्द्र मोदी की जोड़ी ने पूर्वाेत्तर में उनका संगठन विस्तार देखा तो प्रदेश की राजनीतिक पेंतरेबाजी उनका रास्ता नहीं रोक पाई।
प्रह्लाद पटेल का अपने चुनाव क्षेत्र के प्रति इस बार खासा लगाव देखा। उन्होंने अपने विभाग की कुछ गतिविधियां दमोह लोकसभा क्षेत्र में भी चलाने के लिए प्रोत्साहित किया। इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी निकलेंगे और सांस्कृतिक विकास भी होगा। इस क्षेत्र के पर्यटन के महत्व के क्षेत्रों का भी चयन होगा।
राजनीतिक साफगोही के लिये अपनी खास पहचान रखने वाले मंत्री महोदय के साथ उनके पुराने राजनीति मित्र भी बैठे थे। शायद सबकी इच्छा होगी कि राजनीतिक वनवास की समाप्ति का दौर उनके लिए आ सकता है। लेकिन वे इस बात को भावना का रूप कैसे दें। यह काम हमने करने का प्रयास किया। लेकिन वे अपनी शैली का उपयोग करने से नहीं चूके लेकिन बात का विरोध नहीं किया। इस प्रकार एक मित्र मंत्री के साथ मुलाकात का एक दौर बीता। इस आश्वासन के साथ कि जब भी विभाग कुछ नया करेगा मीडिया के मित्रों के साथ सांझा किया जायेगा।

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