‘पाक’ पर क्रिकेट में भी हो गया ‘सर्जिकल स्ट्राइक’

भोपाल। क्रिकेट के विश्वकप का परिणाम तो बीती रात में ही आ गया। जब भारत के साथ पाकिस्तान का मैच हो और उसका परिणाम आ जाये। तब ऐसा लगता है कि विश्व कप हो गया। इन दो चिर परिचित प्रतिद्वद्वी टीमों के बीच का मैच जब भी होता है युद्ध जैसा नजारा होता है। क्रिकेट या अन्श् खेल में चाहे खेल भावना हो और खिलाड़ी अन्दर से इसका प्रदर्शन भी करें लेकिन भारत पाक की जनता, दोनों देशों का मीडिया इसे खेल भावना से लेता ही नहीं है। समाचार पत्रों की बात तो यहां तक है कि यदि शान्ति का वातावरण बनने की दिशा में कोई भावना चले भी तब भी उसको जमने नहीं दिया जाता है। ऐसे में यदि राजनीतिक लाभ की बात तब क्या कहने। हाल में देश में आम चुनाव हुये हें। भाजपा का भारी जनादेश मिला है। इस जनादेश में पाकिस्तान के मुद्दों का भी बड़ा योगदान है। वह सर्जिकल स्ट्राइक कौन भूल सकता है जिसको अंजाम देकर भाजपा की मोदी सरकार ने देश में अपने प्रति सहानुभूति पैदा करवा ली। ऐसा नहीं है कि ऐसा करने की हिम्मत सेना में पहले नहीं थी लेकिन नेताओं में हिम्मत की जरूरत थी। यह बात इसलिए अधिक निकली क्योंकि भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने इसे भी एक और सर्जिकल स्ट्राइक बताने का प्रयास किया है। लेकिन इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि भारत का प्रत्येक नागरिक यही चाहता है कि पाक को हर खेल में भारत रोंदे।
लम्बी जीत हुई है। हम आंकड़ों के खेल में नहीं जाना चाहते हैं। हम यह भी नहीं कह सकते हैं कि बरखा रानी ने भी हमारी मदद की। लेकिन यह जरूर कह सकते हैं कि पहले हमारे जांबाजों ने बल्ले का जौहर दिखाया और बाद में गेंद भी गोलियों की भांति चलती रही। कोई सामने खड़े होने का सहास ही नहीं जुटा पाया। दो खिलाड़ी जमें लेकिन उखड़े तो तू चल मैं आया की मानसिकता से पाक टीम ढ़ेर होती चली गई। एक बार तो वर्षा ने कह दिया था कि आप आराम करो और न्यूजीलैंड जैसी स्थिति बन जायेगी लेकिन यह स्थिति देर तक नहीं चली और मैच निर्धारित समय पर ही शुरू हो गया। जो खेल रोहित शर्मा ने दिखाया और विराट ने प्रदर्शन किया तारीफ करने कीबात है। पाकिस्तान के सामने तो अधिकांश हमारे खिलाड़ी अच्छा करने का प्रयास करते हैं। उन्हें पता है कि यह सोहरत और यह दौलत आपको क्यों मिली है? खेल अपनी जगह है राजनीति अपनी जगह। हमें भी याद नहीं आता जब भारत के खिलाडियों ने आस्ट्रेलिया को हराया था तब देश के संचालकों ने टीम को बधाई दी होगी। टवीट भी चर्चा में नहीं आये होंगे लेकिन अब तो सर्जिकल बता दिया।
पाकिस्तान के साथ हमारी यह लड़ाई क्यों है? इसका कारण भारत का विभाजन है। विभाजन के बाद कश्मीर को लेकर होने वाली कवायद है। युद्ध और आतंक की घटनाएं हैं। शान्ति की बातें और अलगाव की बातें साथ में हैं। बार-बार सौंपे जाने वाले डोजियर हैं और उन्हे रिजेक्ट करने की पाकिस्तानी हिम्मत है। यह तब होता था जब वोटों की मानसिकता से छोटे नेताओं का दौर था। अब भारत बदल गया है। वोट तो लोग खुद देंगे यदि आपमें कुछ करने का माद्दा होगा। मोदी ने देश में ऐसा संचार किया है। देश के सभी नागरिक पाकिस्तान के साथ इसीर व्यवहार के हामी हैं। अब क्रिकेट टीम ने जिस अंदाज में जीत हासिल की है। सबने बधाई दी है हमारी ओर से भी बधाई।

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