निर्भया के गुनहगारों की परिजनों से आखिरी भेंट 20 को, अंतिम इच्छा जानने की प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप के चारों गुनहगारों को 22 जनवरी को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी के तख्ते पर लटका दिया जाएगा। तिहाड़ जेल प्रशासन दोषियों की उनके परिजनों से आखिरी मुलाकात की तारीख तय करने की प्रक्रिया में है। जेल सूत्रों का कहना है कि संभवत चारों दोषी आखिरी बार 20 जनवरी को अपने परिजनों से मुलाकात कर सकेंगे। अमूमन सप्ताह में दो बार ही परिजन जेल में बंद कैदियों से मिल सकते हैं। शनिवार और रविवार को कैदियों से मुलाकात नहीं कराई जाती है। इस कारण कैदियों से मुलाकात सोमवार से शुक्रवार तक ही की जा सकती है। इसी क्रम में पिछले काफी समय से परिजन चारों दोषियों से मिलते रहे हैं। चूंकि दोषी अक्षय के परिजन दूर रहते हैं। लिहाजा उनका आना-जाना कम होता है। वहीं, बीते सप्ताह ही अक्षय और मुकेश के परिजन इनसे मिलने आए थे। इस दौरान दोनों ही दोषी अपने परिजनों से लिपटकर रो पड़े।
छह सीसीटीवी से रखी जा रही नजर है : चारों दोषियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। एहतियातन इन्हें छह सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा गया है। इनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। इनकी किसके साथ ज्यादा बातचीत हो रही है और क्या बात हो रही है, इस पर पूरी नजर रखी जा रही है।
24 घंटे में दो बार हो रहा स्वास्थ्य परीक्षण : डीजी तिहाड़ ने बताया कि फांसी के लिए जेल मैन्युअल के हिसाब से पूरी तैयारी की जा रही है। जैसे चारों दोषियों का  हर 24 घंटे के अंतराल पर दो बार नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। चारों पर हर पल नजर रखी जा रही है। इनके व्यवहार, बातचीत और सोचने-समझने के तौर-तरीकों पर भी जेल अधिकारी नजर बनाए हुए हैं। खासतौर से स्वास्थ्य को लेकर किए जाने वाले एहतियात पूरी तरह से बरते जा रहे हैं। दरअसल, तिहाड़ प्रशासन अपने स्तर पर परिसर में स्वास्थ्य जांच कराता है। इसके अलावा बाहर भी सरकारी अस्पताल में जांच कराता है।
जेल नंबर तीन में दी जाएगी फांसी : तिहाड़ की जेल नंबर-तीन में निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने की तैयारी की जा रही है, वहां संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल गुरु को भी रखा गया था। फांसी कोठी से लगते हुए ही 16 हाई रिस्क सेल हैं। इन्हीं में से एक में अफजल को रखा गया था। इसी से लगती करीब 50 स्क्वायर मीटर जगह में फांसी की कोठी बनाई गई है। इसके गेट पर हरदम ताला लगा रहता है। फांसी कोठी के गेट से अंदर घुसते ही बाईं तरफ फांसी का तख्ता है। यहां फांसी देने वाले प्लेटफॉर्म के नीचे एक बेसमेंट बनाया गया है। बेसमेंट में जाने के लिए करीब 20 सीढ़ियां हैं। इनसे नीचे उतरकर फांसी पर लटकाए गए कैदी को बाहर निकाला जाता है।
10 दिन में तीन बार लटकाने का हुआ अभ्यास : निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए चार तख्ती दो जगहों पर तैयार की गई हैं, जिसका अब तक तीन-तीन बार ट्रायल भी हो चुका है। तिहाड़ प्रशासन ने दोषियों के वजन से थोड़ा ज्यादा भार वाला बालू का बोरा तैयार कराया था। खास बात है कि तीनों ट्रायल पिछले दस दिनों में किए गए हैं। 
बक्सर में बना फंदा इस्तेमाल करेंगे : डीजी तिहाड़ संदीप गोयल का कहना है कि बक्सर जेल से जो फंदा मंगाया गया था, वह भी हमारे पास है। जिसका अंतिम ट्रायल में इस्तेमाल किया गया। अब सीधे तय तारीख को यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जल्लाद से भी तिहाड़ जेल के  अधिकारियों ने फांसी की तैयारियों को लेकर बात कर ली है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button