तूफान के कारण प्रदेश में नहीं बने लू के हालात, लगातार दो तूफान आने से जारी रहा बरसात का दौर

भोपाल। पिछले दिनों पहले अरब सागर से उठे तूफान टाक्टे और उसके बाद बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान यास के कारण इस बार मध्यप्रदेश में नौतपा में भी कहीं लू के हालात नहीं बन सके। राजधानी में इस वर्ष नौतपा 10 साल में सबसे ठंडा साबित हुआ। फरवरी से लगातार पश्चिमी विक्षोभ के आने के कारण इस वर्ष लगातार वेदर सिस्टम बनते रहे। बादल छाने और रूक-रूक कर बौछारें पड़ने से अप्रैल-मई माह में अपेक्षाकृत गर्मी नहीं पड़ी। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मानसून पूर्व की गतिविधियां बढ़ने के कारण अभी अधिकतम तापमान में विशेष बढ़ोतरी होने की संभावना कम ही है।
उधर बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगातार नमी आने के कारण राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में फिलहाल दोपहर बाद तेज रफ्तार से हवा चलने के साथ ही गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। इसी क्रम में बुधवार शाम को भोपाल में तेज हवाएं चलने के साथ बौछारें पड़ीं। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को राजधानी में अधिकतम तापमान 39.4 डिग्रीसेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से एक डिग्रीसे. कम रहा। साथ ही मंगलवार के अधिकतम तापमान (40.0 डिग्रीसे.) की तुलना में 0.6 डिग्रीसे.कम रहा। न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्रीसे. रिकार्ड किया गया। यह सामान्य से दो डिग्रीसे.कम रहा।
मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के दक्षिणी भाग पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इस सिस्टम के कारण बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आ रही है। उधर अरब सागर से कर्नाटक तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। इस वजह से अरब सागर से भी नमी मिल रही है। इस वजह से राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि कहावत है कि नौतपा में बारिश हाेने पर मानसून बेहतर नहीं रहता है। मौसम विज्ञान इस बात को नहीं मानता है। दरअसल बेहतर मानसून के लिए तपिश का हाेना भी एक मापदंड है। इसके लिए राजस्थान और उससे लगे पाकिस्तान के अधिकतम तापमान को देखा जाता है। वहां वर्तमान में भीषण गर्मी पड़ रही है।
दरअसल उसी क्षेत्र से हीट लो बनता है। उसके प्रभाव से मानसून आगे बढ़ता है। शुक्ला ने बताया कि इस बार फरवरी माह से लगातार पश्चिमी विक्षोभ आ रहे हैं। उनकी वजह से बने वेदर सिस्टम के कारण फरवरी से लेकर अभी तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश होती रही। जिसके चलते अपेक्षाकृत गर्मी नहीं पड़ सकी। पिछले दिनों एक सप्ताह के अंतराल में चक्रवाती तूफान टाक्टे और यास भी आए। इस वजह से नौतपा में भी अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी नहीं हो सकी।

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