जब शिवराज ने प्रशासन को फटकारा
भोपाल। विशेष प्रतिनिधि। भोपाल के बागसेवनिया में शनिवार को एक 3 वर्षीय बच्ची गुड्डी बंसल को आवारा कुत्तों द्वारा नोचे जाने का मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी का कारण बन गया। उन्होंने भोपाल के जिला प्रशासन को मंत्रालय बुलाया और फटकार लगाई। मुख्यमंत्री ने कहा इस प्रकार की घटनाएं सहन करने योग्य नहीं है। अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन इस मामले में कितना चेतेगा और आवारा कुत्तों के साथ ही चिकित्सा व्यवस्था को कितना सुधार कर पाएगा?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दोपहर में भोपाल जिला प्रशासन को मंत्रालय में तलब किया। जिला प्रशासन के पास सूचना मिलते ही हड़कंप की स्थिति हो गई। भोपाल कमिश्नर, कलेक्टर, नगर निगम भोपाल के कमिश्नर, स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी दौड़े-दौड़े मंत्रालय पहुंचे वहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सामना होते ही उन्हें कोप भाजन का शिकार होना पड़ा। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि यह बताइए कि मेरी भांजी और लाडली लक्ष्मी बागसेवनिया की 3 वर्षीय उस बच्ची को जिसे कुत्तों ने नोच लिया उसके इलाज करने में इतनी परेशानी क्यों आई? मध्य प्रदेश की संवेदनशील सरकार के इस सवाल से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की हवाइयां उड़ गई। फटकार के बाद मुख्यमंत्री ने सभी को चेताया की इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री के समुचित इलाज कराए जाने के आदेश के बाद क्या स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली में कुछ बदलाव आता है?
शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या के संबंध में अनेकों बार समाचार पत्रों की सुर्खियां निगम प्रशासन की नींद नहीं खोल पाई। आर्थिक तंगी से जूझ रहा निगम प्रशासन आगे कुछ कर पाने की स्थिति में होगा इसको लेकर भी सवाल है। इसके बावजूद यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फटकार के बाद कुछ परिवर्तन जरूर आएगा। लेकिन यहां एक बार फिर वही सवाल उठ खड़ा हुआ जो उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र में उठाया था। उस समय अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि यदि नल की टोटियां मुख्यमंत्री स्वयं देखेंगे तो फिर बाकी अधिकारी क्या कर रहे हैं? आज भी इतने लंबे समय बाद स्थिति जस की तस बनी हुई है कि लाडली लक्ष्मी कुत्तों द्वारा नोची जाएगी और उसका संज्ञान मुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा। तब बीच के अधिकारी और मंत्रिमंडल के सदस्य क्या कर रहे हैं?