गांधी परिवार से छुटकारा चाहती है कांग्रेस?
खास बातें :–
- जब राहुल गांधी न्यायालय के समक्ष 3 से अधिक मामलों में माफी मांग चुके हैं तब इस मामले में बचकर निकालने का प्रयास क्यों नहीं हुआ?
- पवन खेड़ा मामले में हवाई जहाज रोककर जमानत कराई गई लेकिन राहुल मामले में उतनी ही उदासीनता बरती गई।
- जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत दो या इससे अधिक वर्ष की सजा के बाद सदस्यता स्वमेव समाप्त हो जाती है। फिर सदस्यता बचाने के प्रयास क्यों नहीं किए गए?
- कांग्रेस के पास देश के नामचीन वकीलों की एक लंबी लिस्ट है। गांधी परिवार के प्रति वफादारों की भी बड़ी फहरिस्त है तब भी सब तरफ से गफलत क्यों हुई?
- इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि राहुल की सदस्यता समाप्त करने में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की भूमिका भी कम नहीं है।
जनप्रतिनिधित्व कानून यह स्पष्ट करता है कि किसी भी जनप्रतिनिधि को आपराधिक मामले में दो वर्ष या इससे अधिक की सजा होने की स्थिति में सदन की सदस्यता अपने आप समाप्त हो जाएगी। ऐसी स्थिति में राहुल गांधी के मामले में कांग्रेस पार्टी का समय पर सक्रिय नहीं होना पार्टी की अंदरूनी लड़ाई को स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त उदाहरण दिखाई दे रहा है। जिस अध्यादेश को राहुल गांधी ने फाड़ा था उसके जारी न होने की स्थिति में सदस्यता जाने कका जोखिम सामने आ गया। फिर भी सभी तरफ खामोशी बनई रही। कमोवेश ऐसी ही मांग जी24 के सदस्यों के द्वारा की जाती रही है। हालांकि उसको आंशिक रूप से माना गया और पार्टी का मुखिया गैर गांधी परिवार के व्यक्ति को बनाया गया। जी 24 के अनेकों नेताओं को पार्टी से किनारे कर दिया गया फिर भी जो शेष बचे हैं वे गांधी परिवार से दूरियां कराने की स्थिति में भूमिका अदा कर रहे हैं।
जनप्रतिनिधित्व कानून की जानकारी रखने वालों का कहना है कि यदि ऊपर की अदालतों में राहुल गांधी को पर्याप्त लाभ नहीं मिला तो वे लोकसभा के अगले 2 चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। जिससे विपक्षी नेताओं में राहुल गांधी की दावेदारी अपने आप समाप्त हो जाएगी। हालांकि विपक्षी राजनीतिक पार्टियां इसी बात को समझ कर उनके समर्थन में उतरी हैं। अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी का सामने आना इसी राजनीति का हिस्सा है। दोनों नेता समझते हैं जनप्रतिनिधित्व कानून के अंतर्गत राहुल गांधी अब चुनाव नहीं लड़ सकते इसलिए उनका रास्ता साफ हो रहा है।
राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस की ओर से उन्हें शहीद की भूमिका में रखते हुए राजनीतिक लाभ लेने की योजना पर काम शुरू किया गया है। श्रीमती प्रियंका वाड्रा के माध्यम से जो बयान सामने आए हैं उसमें भी राजनीतिक भाषा के साथ वह सही कहा गया है जो लंबे समय से राहुल लगातार कहते आ रहे हैं। भाजपा की ओर से इस प्रकार के बयानों की संभावना को ताड़ते हुए पहले से ही काट की तैयारी कर ली थी। इसलिए भाजपा अधिक नुकसान में रहने वाली नहीं है। राजनीतिक रूप से इस मामले को जनता के बीच में गर्म बनाए रखने के लिए कांग्रेस के पास इतनी सांगठनिक क्षमता नहीं है। भाजपा इसे जन प्रचार का बड़ा माध्यम बनाने जा रही है। इस प्रकार के माना जा सकता है कि भाजपा ने परिस्थितियों का लाभ उठाने की पूरी कोशिश की है वही कांग्रेस के अंदर खाने में गांधी परिवार को पार्टी संगठन से दूर रखने के लिए एक दूर की कौड़ी खेली गई है। कांग्रेस में अनेकों ऐसे लोग हैं जो यह कहते मिल रहे हैं कि राहुल गांधी को वकीलों की आपेक्षिक मदद नहीं होने के कारण शिकार होना पड़ा है।