‘कोरोना’ से गठबंधन न करें सीएम ने की ‘अपील’

भोपाल (सुरेश शर्मा)। विपक्ष है उसे सरकार की गतिविधियां नौटंकी ही लगती है। यही राजनीति है। इसी प्रकार से जनता के करीब जाती सरकार के असर को रोका जाता है। जबकि अपेक्षा यह रहती है कि महामारी राजनीति को अखाड़े का खेल नहीं होना चाहिए। जनता के बीच जाने की क्षमता बची नहीं है इसलिए कोई जनजागरण करता है उसे नौटंकी बोलने में क्या जाता है? लेकिन सरकार को यह समझना होगा कि उसकी बात को विपक्ष नौटंकी क्यों बोलता है? यह जनजागरण का अभियान होना चाहिए नौटंकी नहीं लगना चाहिए। जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दीपक जलाने की बात की थी। जब घंटे-शंख बजवाये गये थे तब भी कांग्रेस ने नौटंकी ही करार दिया था। लेकिन उस समय मोदी के साथ देश ने कोई कोर कसर नहीं छोटी थी और अब शिवराज सिंह चौहान के आव्हान पर भी प्रदेश की जनता चुप रहने वाली नहीं है। उनका स्वास्थ्य आव्हान जनता में जागरूकता पैदा करेगा यह विश्वास किया जाना चाहिए। मीडिया के साथ तो उनके संबंध अच्छे हैं ही। वैसे भी कुछ हिस्सा मीडिया सीएम के साथ व्यवसायिक कारणों से अच्छे संबंध रखता ही है। चाय में दंतनिपोरी और असल मुद्दों पर बात न करना उसका स्वभाव बन गया है। ऐसे में बाकी कौन हिम्मत करेगा?

मूल बात यह है कि बीते दिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जागरूकता के मकसद से राजधानी की सड़कों पर उतरे थे। उन्होंने मास्क पहनने, दूरी बनाकर कोरोना को हराने का आव्हान किया था। बिना जरूरत के घरों से न निकलने की अपील भी की गई। दिन में स्वास्थ्य विभाग और गृह विभाग के दो आला अफसरों ने पत्रकारों से बात की। वे साफ बता गये कोरोना का कोई ईलाज नहीं है लापरवाही करी तो सरकार को दोष मत देना। इसलिए जरूरी है कि लोग घरों में रहें। रोजगार के लिए जायें तो काम से मतलब रखें। जबरिया किसी को करीब लाने का प्रयास न करें। और यदि बहुत ही जरूरी है कि भीड़ का हिस्सा बनना पड़े तो हाथ धोने में शर्म न करें। मौका लगे तो मूंह भी धो लें। आज से 24 घंटे के लिए शिवराज सिंह चौहान महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने स्वास्थ्य आव्हान करने को बैठ रहे हैं। इसका प्रचार होगा। शिवराज का चेहरा सामने आयेगा तो आम व्यक्ति जो अधिक संख्या मे है जिसे शिवराज का समर्थक प्रसंशक माना जाता है वे कोरोना गाइड लाइन को मानने लग जायेगा और प्रदेश में कोरोना का कहर कम होने लग जायेगा।

आज जरूरत इस बात की है कि अधिक से अधिक लोग वैक्सिीन लगवायें। इससे कोरोना के फैलाव को रोका जा सकता है। लेकिन जो गाइड लाइन है उसका पालन तो इसके बाद भी करना होगा। यही मूल मंत्र है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने प्रदेश को समझाने के लिए गांधी जी का सहारा ले रहे हैं। हां, गांधी जी तो ठीक है याद रखने वाली बात यह है कि भाजपा विश्व की सबसे अधिक कार्यकर्ताओं वाली राजनीतिक पार्टी है। इसके जनप्रतिनिधि भी बहुत हैं। मंत्री तो हैं ही। वे भी यदि सड़कों पर दिखने लग जायें और जनता को समझाने का प्रयास करें तो बोझ थोड़ा हल्का हो जायेगा? परन्तु शिवराज के मैदान में आने के बाद ये सब भी चेहरा दिखाने के लिए दिखने लग ही जायेंगे।

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