‘कोरोना’ से गठबंधन न करें सीएम ने की ‘अपील’
मूल बात यह है कि बीते दिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जागरूकता के मकसद से राजधानी की सड़कों पर उतरे थे। उन्होंने मास्क पहनने, दूरी बनाकर कोरोना को हराने का आव्हान किया था। बिना जरूरत के घरों से न निकलने की अपील भी की गई। दिन में स्वास्थ्य विभाग और गृह विभाग के दो आला अफसरों ने पत्रकारों से बात की। वे साफ बता गये कोरोना का कोई ईलाज नहीं है लापरवाही करी तो सरकार को दोष मत देना। इसलिए जरूरी है कि लोग घरों में रहें। रोजगार के लिए जायें तो काम से मतलब रखें। जबरिया किसी को करीब लाने का प्रयास न करें। और यदि बहुत ही जरूरी है कि भीड़ का हिस्सा बनना पड़े तो हाथ धोने में शर्म न करें। मौका लगे तो मूंह भी धो लें। आज से 24 घंटे के लिए शिवराज सिंह चौहान महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने स्वास्थ्य आव्हान करने को बैठ रहे हैं। इसका प्रचार होगा। शिवराज का चेहरा सामने आयेगा तो आम व्यक्ति जो अधिक संख्या मे है जिसे शिवराज का समर्थक प्रसंशक माना जाता है वे कोरोना गाइड लाइन को मानने लग जायेगा और प्रदेश में कोरोना का कहर कम होने लग जायेगा।
आज जरूरत इस बात की है कि अधिक से अधिक लोग वैक्सिीन लगवायें। इससे कोरोना के फैलाव को रोका जा सकता है। लेकिन जो गाइड लाइन है उसका पालन तो इसके बाद भी करना होगा। यही मूल मंत्र है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने प्रदेश को समझाने के लिए गांधी जी का सहारा ले रहे हैं। हां, गांधी जी तो ठीक है याद रखने वाली बात यह है कि भाजपा विश्व की सबसे अधिक कार्यकर्ताओं वाली राजनीतिक पार्टी है। इसके जनप्रतिनिधि भी बहुत हैं। मंत्री तो हैं ही। वे भी यदि सड़कों पर दिखने लग जायें और जनता को समझाने का प्रयास करें तो बोझ थोड़ा हल्का हो जायेगा? परन्तु शिवराज के मैदान में आने के बाद ये सब भी चेहरा दिखाने के लिए दिखने लग ही जायेंगे।