केंद्र ने चेताया नहीं गया है कोरोना
नई दिल्ली ( विशेष प्रतिनिधि ) । कोरोना संक्रमण के कम होने के बाद राज्यों ने लॉकडाउन में छूट देना प्रारंभ कर दी है। लंबे समय तक घरों में बंद रहने वाले लोग इस छूट का दुरुपयोग करते हुए बड़ी संख्या में बाजारों में आ रहे हैं। इन स्थितियों से संक्रमण की तेजी से वापसी की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। केंद्र सरकार ने राज्यों को इस संबंध में दिशानिर्देश फिर से जारी किए हैं यदि सतर्कता घटती है जो संक्रमण फिर बढ़ सकता है। इसलिए लाकडाउन समाप्त करने के फैसले पर सतर्कता से निगरानी रखी जाना चाहिए। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्य सरकारों को इस संबंध में पत्र लिखा है और बचाव के नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉक्टर गुलेरिया ने भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि भीड़ का तौर तरीका यही रहा तो 6-8 सप्ताह बाद ही कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।
कोरोना संक्रमण अब कम होता दिखाई दे रहा है। विभिन्न राज्यों से प्राप्त हो रहे आंकड़ों के आधार पर संक्रमितों की संख्या में निरंतर गिरावट आ रही है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से यदि संक्रमण का प्रतिशत 5 से भीतर हो जाता है तो व्यवसायिक और अन्य गतिविधियों में छूट दिए जाने पर विचार करना चाहिए। मध्य प्रदेश सहित अनेक राज्यों में संक्रमण का प्रतिशत काफी नीचे आ गया है। इसलिए लॉकडाउन समाप्त करते हुए व्यवसायिक और अन्य गतिविधियों में छूट दी गई है। बाजारों में फिर से रौनक लौटने लगी है और व्यवसाय प्रारंभ हो गए हैं। राज्य की आर्थिक हालात को देखते हुए इस प्रकार की गतिविधियों की जरूरत महसूस की जा रही थी। इन गतिविधियों के प्रारंभ करने में कोरोना गाइडलाइंस का पालन अनिवार्य रूप से किए जाने के निर्देश हैं। छूट के तत्काल बाद गाइडलाइन उल्लंघन की गंभीर शिकायतें विभिन्न राज्यों से प्राप्त हो रही है। जिससे संक्रमण वापसी की संभावनाएं फिर से प्रबल हो गई है। इसलिए केंद्र सरकार ने राज्यों को चेताया है।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों को पत्र लिखकर भीड़ पर नियंत्रण करने और कोरोना बचाव के नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए लिखा है कि यदि बचाव गाइडलाइन का पालन सलीके से नहीं किया गया तो संक्रमण की वापसी हो सकती है। उन्होंने कहा है कि राज्यों को निचले स्तर पर कोरोना के मामलों और संक्रमण दर पर नजर रखने के लिए ठोस प्रणाली तैयार करनी चाहिए। ताकि जानकारी मिलते ही संक्रमण रोकने के प्रयास किए जा सकें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों का सख्ती से अनुपालन करने की जिम्मेदारी का अहसास भी गृह सचिव ने कराया है। उन्होंने यह भी कहा है कि छूट देने में हड़बड़ी नहीं होना चाहिए और स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही कदम उठाए जाना चाहिए। गृह सचिव ने कहा है कि टीका ही कोरोना बचाव का सबसे बड़ा हथियार है और प्रत्येक व्यक्ति को टीका लगे इसकी व्यवस्थाओं में संबंधित व्यवस्थाओं को लगा देना चाहिए।
एम्स के निदेशक डॉक्टर गुलेरिया ने भी अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा संक्रमण दर कम होने के बाद दी जा रही छूट में जो परिस्थितियां निर्मित होती दिखाई दे रही है उससे तीसरी लहर के जल्द आने की संभावनाएं निर्मित हो रही है। उन्होंने कहा यदि ऐसा ही चलता रहा तो 6 से 8 सप्ताह के बीच तीसरी लहर वापस आ सकती है।