आ गई तीसरी लहर
देश के कुछ राज्यों में कोरोना के प्रकरणों में यकायक तेजी आई है। देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई और राजधानी दिल्ली में जिस तेजी से कोरोना के मामले सामने आये हैं उससे यह प्रतीत होता है कि कोरोना समय का इंतजार कर रहा था। इसने तेजी से पांव पसारे हैं। मुम्बई में जिस प्रकार से आकंड़े सामने आये हैं और दिल्ली में एक दिन में ही दोगुने संक्रमित मिले हैं यह न केवल चौकाने वाले मामले है अपितु हमें अपनी सुरक्षा के लिए सचेत होने का संदेश भी देरहे हैं। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने तत्काल ही प्रोटोकाल का पालन करने के लिए गाइड लाइन जारी कर दी गई है। इसका पालन करने के लिए भी लोगों से अपील की जा रही है।
मुम्बई में संक्रमण को बुरा हाल है। सरकार अधिक कुछ कर पाती दिखाई नहीं दे रही है। लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र सरकार ने गाइड लाइन का पालन करने के लिए लोगों से कह दिया है और सख्ती का प्रयोग किया जा रहा है। कई राज्यों ने शिक्षण संस्थाओं को बंद करने का निर्णय ले लिया है और कुछ राज्य ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं। इससे संक्रमण बच्चों तक नहीं पहुंच पायेगा।
बच्चों का टीकाकरण करना भी तीन जनवरी से शुरू कर दिया गया है। अभी तक एक करोड़ से अधिक बच्चों का टीकाकरण करने की खबर आई है। देश में अभी तक पहला डोज लगाने में लगभग देश पूरी स्थिति में आ गया है। विश्व की दूसरे नम्बर की आबादी वाला देश भारत टीकाकरण का इतिहास रच चुका है। अभी 15 से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य पूरा होने की स्थिति में दिखाई दे रहा है। इसे पूरा करने के बाद इस महामारी पर नियंत्रण किया जा सकता है। विपक्षी जिस टीकाकरण पर राजनीति कर रहे थे वे अब यह कहते दिखाई दे रहे हैं कि उनकी मांग के दबाव में आकर भारत सरकार ने टीकाकरण किया है। जो भी हो टीका लगने का प्रयास और क्रियान्वयन कम रौचक नहीं है। यह उपलब्धि भी है।
अब देश के सामने तीसरी लहर की चुनौती है। इस चुनौती को स्वीकार करना ही होगा और इसके लिए जरूरी है कि मास्क लगाया जाये। दूरियां बनाकर रहा जाये। और अन्य कोरोना प्रोटोकाल जो भी चिकित्सा क्षेत्र के द्वारा तय किया गया है उसका पालन किया जाये। क्रियान्वयन करने वाले अधिक संवेदनशीलता के साथ सख्ती भी बरतेंगे ऐसी अपेक्षा है।