आईबीएम ने 300 साफ्टवेयर इंजीनियरों को दिखाया बाहर का रास्ता

नई दिल्ली। दुनिया की दिग्गज आईटी सेवा प्रदाता कंपनी में गिनी जाने वाली आईबीएम ने अपनी भारतीय इकाई से 300 साफ्टवेयर इंजीनियरों को निकाल दिया है। कंपनी इन्हें बाहर का रास्ता दिखाने की वजह बताई है कि ये लोग नई प्रौद्योगिकी के अनुरूप अपने को नहीं ढाल पाए। सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने इन कर्मचारियों को निकालने के पहले कोई नोटिस नहीं दिया है। 
कंपनी ने कहा ऐसा इसलिए करना पड़ा ताकि अपने ग्राहकों की जरूरतों के मुताबिक नतीजे दिए जा सकें। जिन कर्मचारियों को कंपनी ने बाहर का रास्ता दिखाया है, वे फिलहाल पुरानी टेक्नोलॉजी पर ही काम कर रहे थे और उन्होंने समय के साथ अपने काम करने के तरीकों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया था। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया आईबीएम अब क्लाउड, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य प्रौद्योगिकी पर ध्यान दे रही है। 
इसमें केवल कुछ ही कर्मचारियों को दक्षता हासिल है। ऐसे में कंपनी अपनी तरफ से भी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रही है, हालांकि इनकी संख्या काफी कम है। कंपनी ने यह कदम केवल भारत में उठाया है।  दुनिया की दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीएम की प्रमुख गिन्नी रोमेट्टी ने कहा कि भारतीयों में नए जमाने की नौकरियों के लिए जरूरी कौशल की कमी है। 
इस कारण उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही हैं, जबकि नए जमाने के रोजगार अधिक मात्रा में पैदा हो रहे हैं। उन्होंने बताया कुल 180 अरब डॉलर के घरेलू सॉफ्टवेयर उद्योग में प्रत्यक्ष रूप से 40 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। आईबीएम की चेयरमैन, अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी रोमेट्टी ने कहा कि यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक समस्या है। उन्होंने कंपनी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में नई नौकरियों का सृजन हो रहा है, लेकिन उनके अनुरूप काबिलियत नहीं है।

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